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उत्तराखंड में 66 बड़ी सुरंगें हो रहीं तैयार, उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल सबसे लंबी

उत्तरकाशी में हुए टनल हादसे के बाद देशभर में निर्माणधीन टनल को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल में हुए भूस्खलन में फंसे सभी 41 मजदूरों को जीवित बाहर निकाल लिया गया है. अब सवाल यह है कि क्या देश में प्रस्तावित जो टनल है उनके भविष्य पर क्या निर्णय होगा. अकेले उत्तराखण्ड में ही अगले 10 सालों में 66 टनल  प्रस्तावित हैं. उत्तराखण्ड को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए वहां मुख्य रूप से रेल परियोजना, सड़क प्रोजेक्ट और पावर प्रोजेक्ट शामिल हैं.

18 टनल पर कार्य हो रहे हैं

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18 टनल पर कार्य हो रहे हैं

उत्तराखण्ड में मौजूदा समय में उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल के लेकर छोटे बड़े कुल 18 टनल पर कार्य हो रहे हैं. इसके अलावा और भी कई प्रोजेक्ट के तहत आने वाले 10 सालों में कुल 66 टनल बनाए जाना प्रस्तावित है

बुनियादी ढांचे

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बुनियादी ढांचे

पर्वतीय राज्य उत्तराखण्ड में बुनियादी ढांचे के विकास को विकास को लेकर तेजी से राज्य में काम चल रहा है. जिसमें मुख्य रूप से रेल परियोजना, सड़क प्रोजेक्ट और पावर प्रोजेक्ट शामिल हैं. इसी के तहत पर्वतीय क्षेत्रों में अधिकतर जगहो पर टनल का निर्माण कार्य किया जा रहा है. 

 

ऋषिकेश- कर्णप्रयाग

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ऋषिकेश- कर्णप्रयाग

दरअसल ऋषिकेश- कर्णप्रयाग रेल परियोजना में कुल 17 टनल का निर्माण किया जाना हैं. जिसके तहत देवप्रयाग से जनासू तक करीब 14 किलोमीटर की लंबी सुरंग का निर्माण कार्य चल रहा है.

अंडरग्राउंड मोटर रोड टनल

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अंडरग्राउंड मोटर रोड टनल

देहरादून से टिहरी के बीच 30 किलोमीटर लंबी अंडरग्राउंड मोटर रोड टनल एशिया ही नहीं बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा टनल सुरंग परियोजना है. इस टनल के बन जाने के बाद टिहरी से देहरादून की दूरी 105 किलोमीटर से घटकर मात्र 25 किलोमीटर रह जाएगी.

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साल 2021 में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को द्वारा इस टनल के कार्य का शिलान्यास किया गया था. इस टनल परियोजना से बद्रीनाथ और केदानाथ हाइवे आपस में जुड़ेगे यह टनल परियोजना कुल 900 मीटर का हैं.

 

सिलक्यारा टनल

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सिलक्यारा टनल

1383 करोड़ की लागत से बन रही इस परियोजना का शुरुआत साल 2018 में हुआ था. इस सुरंग के निर्माण से तीर्थयात्रियों को अत्याधिक लाभ होगा. इससे हर मौसम में कनेक्टिविटी बेहतर रहेंगा और 25 किमी हिमस्खलन प्रभावित लंबाई घटकर मात्र 4.5 किमी रह जाएगी. इस टनल के निर्माण से यात्रा 50 मिनट से घटकर महज 5 मिनट रह जाएगा.

चंबा

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चंबा

टिहरी जिले के चंबा के पास बीआरओ द्वारा चंबा के मजयूड गांव  से गोल्डी गांव तक 440 मीटर लबी टनल बनाई गई है जिसमें अभी हाल में ही टनल में दरार पड़ने से 5 हजार से ज्यादा जान खतरे में पड़ गये है. चंबा टनल के ऊपर चंबा शहर बसा हुआ है.

रेल परियोजना

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 रेल परियोजना

उत्तराखण्ड में रेल से जुड़ी परियोजनाओं के लिए सरकार की तरफ से विभिन्न स्थानों पर 17 सुरंगें बनाई जा रही है. 327 किलोमीटर चारधाम रेलवे लाइन प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है.

पावर प्रोजेक्ट

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पावर प्रोजेक्ट

राज्य में पावर प्रोजेक्ट को स्थापित करने के लिए उत्तराखण्ड की नदियों में छोटी-बड़ी विद्युत परियोजनाओं की वजह से कई सुरंग बन रहे हैं.