UP Politics: दो बड़े किसान नेताओं की 50 साल पुरानी दुश्मनी खत्म, मिलाया हाथ
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UP Politics: दो बड़े किसान नेताओं की 50 साल पुरानी दुश्मनी खत्म, मिलाया हाथ

UP Politics: भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत और पूर्व मंत्री योगराज सिंह के बीच बरसों से चली आ रही खींचतान मंगलवार को खत्म होती नजर आई. वहीं इसे लेकर सियासी सरगरमियां तेज हो गई हैं. 

 

 

UP Politics: दो बड़े किसान नेताओं की 50 साल पुरानी दुश्मनी खत्म, मिलाया हाथ

UP Politics: लोकसभा चुनाव (Loksabha Chunav) से पहले यूपी में सियासी हलचल बढ़ गई है. लगभग 50 सालों से सामाजिक मंचों पर एक-दूसरे के धुर विरोधी रहे भाकियू अध्यक्ष चौधरी  टिकैत और पूर्व मंत्री योगराज सिंह के परिवारों के बीच की दूरियां खत्म हो गई हैं. भारतीय किसान यूनियन प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत और पूर्व मंत्री योगराज सिंह (Former minister Yograj Singh) के बीच वरिष्ठ लोगों की मौजूदगी में बातचीत हुई.  दोनों पक्षों ने गिले-शिकवे भुलाकर एक-दूसरे को गले लगा लिया. पूर्व मंत्री योगराज सिंह वर्तमान में रालोद गठबंधन से लोकसभा के टिकट के दावेदार हैं. इसलिए उनके इस कदम के बड़े सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.

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हत्या में नामजद थे नरेश टिकैत
बीकेयू अध्यक्ष  को किसान नेता जगबीर सिंह की हत्या में नामजद कराया गया था. हालांकि कोर्ट से चौधरी नरेश टिकैत दोष मुक्त हो चुके हैं. लेकिन योगराज सिंह मामले की अपील लेकर ऊपरी अदालत चले गये थे. इसके बावजूद दोनों पक्षों में मनमुटाव जग जाहिर था. कुछ गणमान्य लोगों ने आगे बढ़कर दोनों पक्षों के बीच सुलह की बात कराई. खाप चौधरी लगातार दोनों परिवारों में समझौते का प्रयास कर रहे थे.  राठी खाप के कूकड़ा थांबेदार कृष्णपाल राठी ने दोनों परिवारों को मिलाने की पहल की. विधानसभा चुनाव 2022 से पहले भी समझौते के प्रयास हुए लेकिन कामयाबी नहीं मिली. 

योगराज की जयंत चौधरी से मुलाकात
पूर्व मंत्री योगराज सिंह मंगलवार को पहले दिल्ली पहुंचे और रालोद अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह से मुलाकात की. इसके बाद करवाड़ा गांव में आदेश प्रधान के आवास पर दोनों पक्षों की बैठक में सामाजिक समझौते पर मुहर लगी. भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत और गौरव टिकैत शामिल रहे.

रालोद का मुजफ्फरनगर में अच्छा प्रभाव
मुजफ्फरनगर दिग्गज नेता अजीत सिंह (Ajit Singh) का गढ़ रहा है. यहां पर रालोद का काफी प्रभाव माना जाता है.  हालांकि पिछले दो चुनाव से यहां पर बीजेपी के संजीव बालियान ने जीत हासिल की है. बालियान ने 2019 के लोकसभा चुनाव में चौधरी अजीत सिंह को भी हराया था. इस बार किसान आंदोलन के बाद आरएलडी को मुजफ्फरनगर से काफी उम्मीदें हैं.  अगर राकेश टिकैत और योगराज सिंह के बीच सुलह हो जाती है तो यह आरएलडी के लिए भी राहत भरी बात होगी क्योंकि  योगराज सिंह आरएलडी के टिकट के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं.

 इंडिया गठबंधन का निर्माण
आपको बता दें कि विपक्षी दलों ने भी इंडिया गठबंधन (india alliance) का निर्माण किया है.  यह गठबंधन विपक्षी दलों का एक समूह है जो आने वाले लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए से लड़ने के लिए बनाया गया है. यूपी में इंडिया गठबंधन में आरएलडी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस भी शामिल है.

जगबीर सिंह की हुई थी हत्या
बता दें कि भारतीय किसान यूनियन के चौ. महेन्द्र सिंह टिकैत से अलग विचारधारा रखने वाले किसान नेता गांव अलावलपुर निवासी चौधरी जगबीर सिंह की 6 सितंबर 2003 को भौराकलां थाना क्षेत्र के अलावलपुर माजरा गांव में हत्या कर दी गई थी. जगबीर चौधरी की उस समय हत्या की गई जब वो अपनी गाड़ी से शहर स्थित घर से अपने गांव वापस लौट रहे थे. पुलिस ने मृतक किसान नेता के बेटे योगराज सिंह की शिकायत पर तीन लोगों नरेश टिकैत, बिट्टू और प्रवीण के खिलाफ केस दर्ज किया था. मामले में जांच क्राइम ब्रांच-सीआईडी को सौंप दी गई थी. एजेंसी ने जांच के दौरान टिकैत को क्लीन चिट दे दी थी लेकिन कोर्ट ने टिकैत को समन भेजा था.

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