2016 में हरीश रावत के सीएम रहते हुए उनका एक स्टिंग करने का दावा उमेश कुमार ने किया था. इसके बाद राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया था. अब यह सियासी जिन्न एक बार फिर सामने आ रहा है.
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रामानुज/देहरादून : उत्तराखंड के बहुचर्चित स्टिंग ऑपरेशन के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को सीबीआई ने नोटिस दिया है. 4 जुलाई को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को नोटिस का जवाब कोर्ट में देना है. उनका कहना है कि सीबीआई ने उन्हें नोटिस दिया है और नोटिस उन्होंने ले लिया है. अब कोर्ट में नोटिस का जवाब देंगे. लेकिन उनका कहना है कि उनके साथ स्टिंग ऑपरेशन एक बड़ी साजिश के तहत की गई थी. इस तरह 2016 के चर्चित विधायक हॉर्स ट्रेडिंग मामला एक बार फिर उत्तराखंड में गरमाता नजर आ रहा है. गुरुवार सुबह सीबीआई की टीम हरीश रावत के घर नोटिस लेकर पहुंची लेकिन वह नहीं मिले तो टीम वापस लौट गई. इस मुद्दे राज्य के पूर्व सीएम ने केंद्र और धामी सरकार पर सियासी वार किए हैं.
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उन्होंने कहा कि ''सीबीआई इतनी जल्दी में थी, वो उस वक्त मेरे घर पर नोटिस लेकर पहुंची जब मैं दोस्तों के घर ईद की मुबारकबाद देने गया था.'' उन्होंने इस मामले पर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी किया है. जिसमें उन्होंने कहा कि ''सीबीआई के नोटिस के संबंध में मैंने आपसे कहा था कि मैं पूरा सहयोग करुंगा.मैंने तय किया है कि मैं उनको खुद आमंत्रित करुं कि वो आएं और चाहें तो आज अर्थात 29 जून को ही मुझे नोटिस सर्व कर दें.'' उन्होंने यह भी लिखा कि '' ज्यों-ज्यों जांच आगे बढ़ेगी, न्यायालय के विभिन्न स्तरों पर तर्क-वितर्क आएंगे, तो जो हमारे ऊपर आरोप लगे हैं और भाजपा ने जिस तरीके से उन आरोपों को दुष्प्रचारित किया है, एक भ्रम पैदा किया है. मेरे सार्वजनिक जीवन के हित में है कि वो बातें, पूरी स्थितियां उत्तराखंड और देश के लोगों के सामने स्पष्ट हों.''
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