कांग्रेस पार्टी साल 2016 में हुई बगावत का दंश आज भी झेल रही है. इस बात का दावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने किया है. सवाल ये है कि आखिर 2016 में ऐसी क्या बगावत हुई थी, जिसकी भरपाई कांग्रेस पार्टी अभी तक नहीं कर पाई है.
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राम अनुज/देहरादून: कांग्रेस पार्टी साल 2016 में हुई बगावत का दंश आज भी झेल रही है. इस बात का दावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने किया है. सवाल ये है कि आखिर 2016 में ऐसी क्या बगावत हुई थी, जिसकी भरपाई कांग्रेस पार्टी अभी तक नहीं कर पाई है. चलिए आपको बताते हैं, माजरा क्या हुआ था.
दरअसल,18 मार्च 2016 को कांग्रेस पार्टी में एक बड़ी बगावत हुई थी. जिसमें कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं ने कांग्रेस को अलविदा कह कर, भाजपा का दामन थाम लिया था. जिसमें कांग्रेस के तत्कालीन विधायक विजय बहुगुणा, हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल, शैला रानी रावत, शैलेंद्र मोहन सिंघल, उमेश शर्मा उर्फ काऊ प्रधान, प्रदीप बत्रा, कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन, अमृता सिंह रावत के साथ रेखा आर्य शामिल थीं. इस बगावत को लेकर उस समय हरीश रावत सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट को दखल देनी पड़ी थी.
बगावत का दंश झेल रही है कांग्रेस पार्टी
इस बगावत को तकरीबन 6 साल गुजर गए. बावजूद इसके कांग्रेस पार्टी अब तक उस बगावत का दंश झेल रही है. पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि इससे पार्टी बहुत कमजोर हुई है और पार्टी को उसका भारी खामियाजा उठाना पड़ रहा है. यह बयान इस बात को बताने के लिए काफी है कि 2016 में प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार थी हरीश रावत तत्कालीन मुख्यमंत्री थे और हरीश रावत और प्रीतम सिंह के बीच चल रही जुबानी जंग किसी से छिपी नहीं है.
कांग्रेस पार्टी सत्ता की लालच में काम करती है: सुबोध उनियाल
कांग्रेस पार्टी को छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले सुबोध उनियाल इस समय भाजपा सरकार में मंत्री हैं. वह पहले भी 5 साल मंत्री रह चुके हैं. वहीं, इस मामले में सुबोध उनियाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अपनी वजह से कमजोर हो रही है. आने वाले दिनों में इसका और भी बुरा हाल होगा. उन्होंने कहा कि जैसे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत चुनाव में दावा कर रहे थे कि, अगर उन्हें मुख्यमंत्री बनने का मौका नहीं मिला, तो वह अपने घर चले जाएंगे. कांग्रेस पार्टी सत्ता की लालच में काम करती है.
कांग्रेस पार्टी में ना तो नीति है, ना नियत है: रवींद्र जुगरान
वहीं, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रवींद्र जुगरान ने कहा, "कांग्रेस पार्टी में ना तो नीति है, ना नियत है और ना कोई सिद्धांत है. कांग्रेस पार्टी व्यक्ति की पार्टी हो गई है. जिसकी वजह से हालत हो रही है. इसके लिए कांग्रेस पार्टी खुद जिम्मेदार है. फिलहाल जिस तरह से 2016 की बगावत का दंश कांग्रेस पार्टी आज भी झेलने का दावा कर रही है. इससे साफ है कि कांग्रेस पार्टी उस कमी की भरपाई करने में अभी भी नाकाम है. पार्टी आपसी गुटबाजी से और भी कमजोर हो रही है. अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में पार्टी, इस बगावत की भरपाई कैसे करती हैं.
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