Uttarakhand Congress Crisis: कांग्रेस में कुछ ठीक नहीं चल रहा है और भाजपा को भी यह बात पता है. इसका एक बहुत बड़ा उदाहरण दिखा राष्ट्रपति चुनाव की क्रॉस वोटिंग में. बीजेपी भी इसको लेकर चुटकी ले रही है...
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देहरादून: राष्ट्रपति चुनाव के लिए हुआ मतदान कांग्रेस की तकलीफ बढ़ा गया है. क्रॉस वोटिंग के बाद से ही प्रदेश कांग्रेस में टेंशन और ज्यादा बढ़ गई है. तनाव महज इस बात को लेकर नहीं कि क्रॉस वोटिंग हुई, बल्कि असल परेशानी तो यह खड़ी हो गई है कि क्रॉस वोटिंग संदेश दे रही है कि आने वाले वक्त में कहीं कोई और टूटन तो कांग्रेस को नहीं देखनी पड़ेगी.
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आने वाले समय में बढ़ सकती हैं कांग्रेस की मुश्किलें
क्रॉस वोटिंग के बाद से ही कांग्रेस में खलबली मची है. दरअसल, राष्ट्रपति चुनाव ने प्रदेश में कांग्रेस को एक बड़ा संदेश भी दे डाला है कि कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं है और आने वाले दिनों में दिक्कतें और बढ़ सकती हैं. दरअसल, उत्तराखंड में कांग्रेस के 19 विधायक हैं. राष्ट्रपति चुनाव में 2 विधायकों ने वोट नहीं डाला. एक विधायक अस्वस्थ थे तो दूसरे वोट डालने नहीं आ सके. अब वोट देने पहुंचे कांग्रेस के 17 विधायकों में से एक वोट खराब हुआ, एक क्रॉस वोटिंग हो गई. अब अगर कांग्रेस के अस्वस्थ विधायक को छोड़ दें तो कांग्रेस को तीन वोट का नुकसान उठाना पड़ा जो कि भविष्य के लिए कांग्रेस को एक बड़ा संकेत दे रहा है.
कांग्रेस ने सुन ली अंतरात्मा की आवाज?
जाहिर है कि कांग्रेस में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. ऐसे में भाजपा को भी कांग्रेस पर तंज कसने का मौका मिल गया है. बीजेपी चटकारे ले रही है कि कांग्रेस के विधायकों ने अंतरात्मा की आवाज सुन ली. कांग्रेस का ऐसा हाल उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि पूरे देश में है, जहां कांग्रेस अंतर्कलह और अंतर्द्वंद्व से जूझ रही है.
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बीजेपी ले रही कांग्रेस की चुटकी
जेपी प्रदेश प्रवक्ता नवीन ठाकुर का कहना है कि जिस पार्टी की विचारधारा नहीं होती, एक न एक दिन उसे मिटना पड़ता है. कांग्रेस का भी कुछ ऐसा ही हाल है. वहीं, बीजेपी प्रवक्ता नवीन ठाकुर का कहना है कि आने वाले दिनों में जिन दो राज्यों में कांग्रेस है भी, वहां से भी समाप्त हो जाएगी.
कांग्रेस खोज रही भीतरघाती नेता को
राष्ट्रपति चुनाव के लिए हुआ मतदान कांग्रेस को आईना दिखा रहा है. तस्वीर यह बता रही है कि कांग्रेस जिस अंतर्द्वंद्व और अंतर्कलह से जूझ रही है, आने वाले दिनों में कांग्रेस को इसका और बुरा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. इस बात से कतई इनकार नहीं किया जा सकता. हालांकि, कांग्रेस भीतरघाती की तलाश में जरूर जुट गई है, लेकिन किसी प्रमाण के अभाव में अब सिवा एक दूसरे को शक के नजरिये से देखने के और कुछ किया भी नहीं जा सकता है. हालांकि, कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन मथुरादत्त जोशी का कहना है कि उस चेहरे की तलाश हो रही है और पार्टी उसे बेनकाब कर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी करेगी.
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आगे कैसे संभलेगी कांग्रेस?
कांग्रेस के लिए यह अच्छे संकेत नहीं है कि देश से लेकर प्रदेश तक इस वक्त कंग्रेस की स्तिथि ठीक नहीं है. जिस तरह के हालात हैं, वो इस ओर भी साफ इशारे कर रहे हैं कि अगर अब भी कांग्रेस न संभली तो आने वाले समय में इस कदर फिसलेगी कि उसे संभलने तक का मौका नहीं मिलेगा.
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