Uttarakhand Fire: आखिर क्यों धधक रहे उत्तराखंड के जंगल? 13 शहरों में हालात खराब, मिशन में जुटी आर्मी- एयरफोर्स
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Uttarakhand Fire: आखिर क्यों धधक रहे उत्तराखंड के जंगल? 13 शहरों में हालात खराब, मिशन में जुटी आर्मी- एयरफोर्स

Uttarakhand Fire Update: उत्तराखंड के जंगल इन दिनों आग में धधक रहे हैं. राज्य के 13 शहर इस आग की चपेट में हैं. हालात को संभालने के लिए अब आर्मी और एयरफोर्स को मिशन में लगाया गया है. 

 

Uttarakhand Fire: आखिर क्यों धधक रहे उत्तराखंड के जंगल? 13 शहरों में हालात खराब, मिशन में जुटी आर्मी- एयरफोर्स

Reason for Uttarakhand Fire: उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग को बुझाने की कोशिशें अब भी जारी हैं. इस काम में वायुसेना के हेलीकॉप्टर को लगाया जा चुका है. आग की लपटें पाइंस क्षेत्र में हाईकोर्ट कॉलोनी तक पहुंच गईं हैं और पाइंस से लेकर लड़ियाकांटा तक के जंगलों को अपनी चपेट में ले लिया है. फिलहाल रुद्रप्रयाग, चमोली पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चंपावत, नैनीताल, पौड़ी, टिहरी, देहरादून और उत्तरकाशी में जंगल की आग धधक रही है. शुक्रवार को उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों से जंगल में आग लगने की 31 ताजा घटनाएं सामने आईं, जिससे 33.34 हेक्टेयर वन भूमि नष्ट हो गई.

आग से जल गई फैक्ट्री, 25 लाख का नुकसान

उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग से जुड़ी एक और बड़ी ख़बर आ रही है. आगे फैलती हुई बागेश्वर  में एक फैक्ट्री के कार्यालय तक पहुंच गई, जिससे लाखों रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है. आग की चपेट में आने से टिनशेड में बने माइंस कार्यालय के 12 कमरे जल गए. कमरों में रखी मशीनें, कंप्यूटर, फर्नीचर भी आग की भेंट चढ़ गया. आग से 25 लाख रुपये से अधिक के नुकसान का अनुमान है. तेज हवा के झोंकों से आग माइंस कार्यालय की तरफ बढ़ने लगी. जब तक कर्मचारी कुछ समझ पाते आग ने कार्यालय को अपनी चपेट में ले लिया. 

उत्तराखंड के जंगलों में तेजी से फैल रही आग अब बेकाबू हो चुकी है...जंगलों में लगी आग अब रिहायशी इलाकों की ओर फैल रही है. इस बेकाबू आग को कंट्रोल करने के लिए सेना से लेकर एयरफोर्स तक लगी हुई है और भीमताल से पानी लेकर आग बुझाने की कोशिश हो रही है. केवल नैनीताल ही नहीं, 
चमोली बद्रीनाथ और केदारनाथ वन प्रभाग के अलग अलग जंगलों में भी भीषण आग लगी हुई है. जंगल धू-धू कर जल रहे हैं और वन संपदा को भारी नुकसान पहुंच रहा है.

आग के सामने फायर सर्विस हुई नाकाम

बचेर और नंदप्रयाग पोखरी के धनपुर रेंज के जंगलों में लगातार आग धधक रही है. नैनीताल में भी जंगल दहक रहे हैं. आग रिहायशी इलाकों की ओर बढ़ रही है. आग इतनी भयानक है कि फायर सर्विस की गाड़ियां काबू पाने में नाकाम साबित हो रही हैं. सड़क और हाइवे पर हर ओर धुआं ही धुआं दिखाई दे रहा है. हाइवे पर वाहनों को आने जाने से रोक दिया गया है.  

उत्तरकाशी और टिहरी में भी जंगल दहक रहे हैं. लाखों की वन संपदा नष्ट हो रही है. आग की वजह से पहाड़ों से पत्थर नीचे गिरने का खतरा है. हर ओर धुआं धुआं दिखाई दे रहा है. आग पर काबू पाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक्शन में आ गए हैं. उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें जरूरी निर्देश दिए. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मुताबिक आग पर काबू पाने के लिए सभी कोशिशें जारी हैं. उन्होंने बताया कि जब तक जंगल की आग पर पूरी तरह से काबू नहीं पा लिया जाता, तब तक वन अधिकारियों की छुट्टी पर रोक ला दी गई है और केवल गंभीर बीमारी के मामलों में ही छुट्टी की इजाजत है. 

जानबूझकर आग लगाने वाले बढ़ा रहे मुसीबत

देवभूमि के जंगलों में गर्मी के महीनों में आगजनी की घटनाएं आम हैं...नवंबर 2023 से अब तक उत्तराखंड में जंगल में आग लगने की कुल 575 घटनाएं सामने आई हैं. जिससे करीब 690 हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुआ है. एक ओर उत्तराखंड के जंगल जल रहे हैं..सेना आग बुझाने में जुटी है...वहीं कुछ लोग ऐसे भी है..जो जंगलों में खुद से आग लगा रहे हैं... वन विभाग की टीम ने मुंसियारी क्षेत्र से आग लगाने के आरोप में एक शख्स को गिरफ्तार किया है..

आग लगने की वजह क्या?

बड़ा सवाल ये है कि उत्तराखंड के जंगल आखिर क्यों धधक रहे हैं. अपनी हरियाली और ठंडे मौसम के लिए मशहूर उत्तराखंड में आग इतनी विकराल क्यों हो गई है कि किसी के काबू में ही नहीं आ रही है. फायर ब्रिगेड तो दूर की बात है, सेना और वायु सेना भी उससे निपटने में खुद को बेबस पा रही हैं तो इसकी एक नहीं कई वजह हैं. उत्तराखंत में तैनात रहे कई वन विशेषज्ञ इसकी वजह बताते हैं.

एक एक्सपर्ट के मुताबिक इस बार सर्दियों के सीजन में उत्तराखंड में पर्याप्त बर्फबारी और बरसात नहीं हुई. इसकी वजह से वहां के जंगलों में पर्याप्त नमी नहीं हो पाई. रही-सही कसर तेज होती गर्मी और सूखे ने पूरी कर दी है. अप्रैल का महीना गुजरने के बावजूद उत्तराखंड में उम्मीद के मुताबिक अब तक ढंग की बारिश नहीं हो पाई है, जिसके चलते वहां पर झाड़ियों समेत पेड़-पौधे सूख रहे हैं.

अब इंद्र देवता की कृपा का इंतजार

इसके चलते वहां पर आग तेजी से फैल रही है. हवाओं के तेज होने से आग फैलने की स्पीड भी बढ़ रही है और वह तेजी से एक जंगल से होते हुए दूसरे जंगल तक पहुंच रही है. जिसे कंट्रोल कर पाने में वन विभाग के साथ ही अग्निशमन विभाग भी खुद को असहाय पा रहा है. आग बुझाने के लिए एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर विभिन्न स्रोतों से पानी भरकर जंगलों पर बरसा रहे हैं लेकिन आग इतनी तेजी से फैल रही है कि यह प्रयास नाकाफी साबित हो रहा है. ऐसे में अब सबको इस मुसीबत से राहत पाने के लिए इंद्र देवता की कृपा का इंतजार है. अगर बीच में ढंग की बारिश हो जाती है, तभी यह आग पूरी तरह बुझ पाएगी.

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