Relationship Alert: रिश्ते को टॉक्सिक बना देती हैं ये 4 बातें, भूलकर भी न करें इग्नोर
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Relationship Alert: रिश्ते को टॉक्सिक बना देती हैं ये 4 बातें, भूलकर भी न करें इग्नोर

Relationship Tips: आज हम आपको कुछ ऐसे लक्षण बताने जा रहे हैं जिनसे आप समझ सकते हैं कि अब आपका रिश्ता टॉक्सिक बन गया है तो अब आपको रिश्ते को थोड़ा स्पेस या रेड फ्लैग की आवश्यकता है, तो चलिए जानते हैं कौन से हैं टॉक्सिक रिलेशनशिप के लक्षण.

Relationship Alert: रिश्ते को टॉक्सिक बना देती हैं ये 4 बातें, भूलकर भी न करें इग्नोर

Warning Signs In A Relationship:  हर रिश्ते में कम्यूनिकेशन एक अहम भूमिका निभाता है. इसलिए इंसान हमेशा किसी न किसी ऐसे इंसान से जुड़े रहना चाहता है जिससे आपको सेंस ऑफ कनेक्‍शन वाली फीलिंग महसूस हो क्यों कि इससे आपकी मेंटल हेल्थ बेहतर बनी रहती है. लेकिन जरूरी नहीं है कि आपको हर रिश्ते में ऐसा महसूस हो. लेकिन कई बार आपका रिश्ता इतना टॉक्सिक हो जाता है कि आपकी लाइफ में नेगेटिविटी को बढ़वा देता है. ऐसे रिश्ते को अगर समय रहते न सुधारा जाए तो इससे आपको अपनी लाइफ एक बोझ लने लगती है. ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे लक्षण बताने जा रहे हैं जिनसे आप समझ सकते हैं कि अब आपका रिश्ता टॉक्सिक बन गया है तो अब आपको रिश्ते को थोड़ा स्पेस या रेड फ्लैग की आवश्यकता है, तो चलिए जानते हैं कौन से हैं (Warning Signs In A Relationship) टॉक्सिक रिलेशनशिप के लक्षण......

1. वैसे तो कंप्रोमाइज करना लाइफ का एक हिस्सा है. लेकिन अगर कंप्रोमाइज आपको अपनी जीवनभर की खुशियों को लेकर करना पड़ रहा है तो समझ लें अब रिश्ते को थोड़ा स्पेस देने की जरूरत है. 

2. कम्यूनिकेशन हहर रिश्ते में अहम होता है क्योंकि ये रिश्ते को हेल्दी बनाए रखता है. लेकिन पार्टनर्स एक दूसरे से अपने दिल की बात खुलकर शेयर नहीं कर पा रहे हैं तो ये इस बात की और इशारा है कि अब आपके रिश्ते को रेड फ्लैग की आवश्यकता है.

3. अगर आप अपने पार्टनर को खुश रखने के चक्कर में खुद खुश महूसस नहीं करते हैं और खुद को रिश्तें में झूठा दिलासा रहते हैं तो ये आपकी लाइफ के लिए सबसे ज्यादा चुनौतीभरा हो सकता है. इसलिए ऐसा करने से आपको हमेशा बचना चाहिए.

4. ऐसे में आप अपनी फैमिली और फ्रेंड्स से फिर से जुड़ने की कोशिश करें. अगर आपको लग रहा है कि आप एक टॉक्सिक रिलेशनशिप में हैं तो ऐसे में आप उससे खुद को बाहर निकालने की कोशिश करें और जिंदगी की नई शुरूआत करें. 

रेड फ्लैग की नौबत कब आती है?

कंट्रोलिंग व्यवहार- जब ऐसा लगे पार्टनर आपको गर वक्त कंट्रोल कर रहा है.

ट्रस्ट की कमी- एक दूसरे पर विश्वास न करना या एक दूसरे के लिए जालसाजी करना.

हर वक्‍त एक दूसरे को नीचा दिखाना- पार्टनर्स को किसी भी काम के लिए मोटिवेट न करना और नीचा दिखाना.

इंसल्टिंग व्यवहार- जब आप एक दूसरे से बातचीत के दौरान गलत व्यवहार करते हैं. 

हर वक्‍त बुराई करना- जब आपका पार्टनर आपकी हर वक्त बुराई करें और नेगेटिव कमेंट करे. 

फ्रेंड्स फैमिली से मिसबिहेव- जब आपका पार्टनर आपकी फैमिली और फ्रेंड्स के साथ गलत व्यवहार करने की कोशिश करे.

शारीरिक भावनात्मक हिंसा- जब आप शारीरिक या मानसिक तौर पर मारपीट या अपमान झेल रहे हों.

जलन की भावना- अगर आपका पार्टनर आपकी कामयाबी या किसी भी बात को लेकर ईर्ष्या जैसा व्यवहार करे.

हर बात पर धमकी देना- अगर आपका साथी आपको बात-बात पर धमकी दे या डराए.

बातचीत की कमी- जब पार्टनर्स एक दूसरे से खुलकर बातचीत नहीं करते.

निर्णय एकतरफा लेना- जब पार्टनर बिना किसी सलाह के अपना एकतरफा निर्णय लेता है.

धोखा- जब आपका पार्टनर आपको धोखा देता है और आपसे इसकी माफी भी नहीं मांगता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानका री घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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