Jain Muni Samay Sagar Maharaj: कौन हैं समय सागर जी महाराज जो बने जैनों के नए आचार्य? पदारोहण में पहुंचे लाखों लोग
Advertisement

Jain Muni Samay Sagar Maharaj: कौन हैं समय सागर जी महाराज जो बने जैनों के नए आचार्य? पदारोहण में पहुंचे लाखों लोग

समय सागर जी महाराज: समाधिस्‍थ आचार्य विद्यासागर महाराज के उत्‍तराधिकारी के रूप में आचार्य समय सागर महाराज ने नए आचार्य का पद स्‍वीकार कर लिया है. मध्‍य प्रदेश के कुंडलपुर तीर्थ में लाखों लोगों की मौजूदगी में आचार्य का पदारोहण हुआ. 

Jain Muni Samay Sagar Maharaj: कौन हैं समय सागर जी महाराज जो बने जैनों के नए आचार्य? पदारोहण में पहुंचे लाखों लोग

Samay Sagar Ji Maharaj Age: मध्‍यप्रदेश के दमोह जिले के कुंडलपुर तीर्थ क्षेत्र में लाखों लोग 16 अप्रैल को एक ऐतिहासिक पल के साक्षी बने. यहां जैन मुनि समय सागर जी महाराज ने नए आचार्य का पद ग्रहण किया. वे समाधिस्थ आचार्य विद्यासागर महाराज के उत्तराधिकारी के तौर पर अब आचार्य पद संभालेंगे. इस मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, मध्‍यप्रदेश सरकार के कई मंत्री समेत लाखों जैन धर्मावलंबी मौजूद रहे. बता दें कि आचार्य विद्यासागर ने स‍माधि लेने से पूर्व ही आचार्य पद की सारी जिम्‍मेदारियां मुनि श्री समय सागर महाराज को सौंप दी थीं. 

सोने-चांदी के कलशों से धुलवाए चरण 

मुनि श्री समय सागर जी महाराज के आचार्य पदारोहण के मौके पर कुंडलपुर में भव्‍य आयोजन हुआ. समय सागर महाराज को सभी जैन मुनि और संघ प्रमुख मोहन भागवत आसन तक लेकर गए. इसके बाद सोने-चांदी के कलशों में भरे जल से समय सागर महाराज जी के चरण धुलवाए गए. फिर मुनि संघ ने समय सागर महाराज से पद स्वीकार करने का निवेदन किया, जिसे उन्होंने स्वीकार्य किया. इसके बाद विधि-विधान से आचार्य पद ग्रहण करने की विधि शुरू हुई. 5 स्‍वर्ण कलश स्‍थापित करके समय सागर महाराज की वंदना की गई. 

कौन हैं नए जैन आचार्य समय सागर जी महाराज?

जैन धर्म के अगले संत शिरोमणि आचार्य समय सागर जी महाराज समाधिस्‍थ आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के गृहस्थ जीवन के छोटे भाई हैं. आचार्य समय सागर जी महाराज अभी 65 साल के हैं. उनका जन्‍म कर्नाटक के वेलगाम में 27 अक्टूबर 1958 को हुआ था. उनके पिता का नाम मल्लप्पाजी जैन और मां का नाम श्रीमंति जी जैन है. आचार्य समय सागर जी महाराज का गृहस्‍थ जीवन का नाम शांतिनाथ जैन था. आचार्य समय सागर जी महाराज छह भाई-बहनों में छठे नंबर पर थे. 

1975 में ली थी दीक्षा 
संति शिरोमणि आचार्य समय सागर जी महाराज ने 2 मई 1975 को ब्रह्मचर्य व्रत लिया और फिर 18 दिसंबर 1975 को झुल्लक दीक्षा ली. इसके बाद 31 अक्टूबर 1978 को एलक दीक्षा जैन सिद्ध क्षेत्र नैनागिरी जी में ली और 8 मार्च 1980 को जैन मुनि दीक्षा ली. आचार्य समय सागर जी को आचार्य गुरुवर विद्यासागर जी महाराज ने ही दीक्षा दी थी. 

Trending news