Team India: टीम इंडिया के एक प्लेयर ने युवा बल्लेबाज रिंकू सिंह (Rinku Singh) की जमकर तारीफ की है. उन्होंने इस बल्लेबाज को लेफ हैंडेड धोनी (MS Dhoni) बताया है. बता दें कि रिंकू सिंह ने अफगानिस्तान के खिलाफ सीरीज के आखिरी मैच में 69 रन की नाबाद पारी टीम को बड़े स्कोर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी.
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R Ashwin on Rinku Singh: भारत के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (R Ashwin) ने बेंगलुरु टी20I में अफगानिस्तान के खिलाफ सधी हुई बल्लेबाजी के लिए युवा बल्लेबाज रिंकू सिंह (Rinku Singh) की जमकर तारीफ की है. टेस्ट के इस दिग्गज गेंदबाज ने रिंकू सिंह को 'बाएं हाथ का एमएस धोनी (MS Dhoni) बता दिया है. अश्विन ने यह भी स्पष्ट किया कि रिंकू (Rinku Singh) और धोनी के बीच कोई तुलना नहीं है. अश्विन का कहना है कि बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने अपने शांत और संयमित व्यवहार से लोगों को प्रभावित किया है, जिसके लिए पूर्व भारतीय कप्तान धोनी (MS Dhoni) जाने जाते हैं.
'मैं बाएं हाथ का धोनी कहूंगा'
अश्विन (R Ashwin) ने अपने यूट्यूब शो पर बात करते हुए कहा, 'वह ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें मैं बाएं हाथ का धोनी कहूंगा. मैं अभी उनकी तुलना धोनी से नहीं कर सकता, क्योंकि धोनी बहुत बड़े हैं. लेकिन मैं उस संयम के बारे में बात कर रहा हूं जो उनके पास है. वह अपनी घरेलू टीम यूपी के लिए लगातार ढेरों रन बना रहे हैं और भारतीय टीम में अपनी जगह बनाई है.' बता दें कि रिंकू सिंह ने हाल ही में हुए अफगानिस्तान के खिलाफ सीरीज के आखिरी मैच में अपनी बल्लेबाजी से प्रभावित किया था.
सालों तक नहीं मिला बल्लेबाजी अभ्यास का मौका
रिंकू (Rinku Singh) के बारे में एक किस्सा साझा करते हुए अश्विन (R Ashwin) ने बताया कि कैसे इस युवा बल्लेबाज ने आईपीएल टीम कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के लिए बेंच पर रहते हुए खुद पर मेहनत की. उन्होंने कहा, 'वह कई सालों तक KKR (कोलकाता नाइटराइडर्स) की बेंच पर थे. लोग मुझसे कहते थे कि, जब वह केकेआर में थे, भले ही उन्हें अभ्यास में बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला. उन्होंने थ्रोडाउन में बल्लेबाजों द्वारा हिट की गई सभी गेंदों को इकट्ठा कर उन्हें वापस किया.'
भारत को मुश्किल परिस्थितियों से उबारने की क्षमता
अश्विन (R Ashwin) ने आगे बताया, 'तब से, वह इतने लंबे समय तक फ्रेंचाइजी के साथ रहे. यूपी के लिए कड़ी मेहनत की और दिखाया कि वह भारतीय टीम को मुश्किल स्थिति से बाहर निकालने या पारी खत्म करने के लिए हमेशा उपलब्ध हैं. चाहे टीम पहले बल्लेबाजी कर रही हो या पीछा कर रही हो, संयम नहीं बदलता. पारी के अंत में उनका धैर्य एक बोनस की तरह है.'