मुगल हरम की औरतें शासक को रिझाने के लिए अपने तरीके से खुद को खासतौर पर तैयार करती थीं.
उस दौर में आज की तरह कोई कॉस्मेटिक प्रोडक्ट नहीं होते थे . इसके बावजूद सुंदरियां सजने-संवरने में पीछे नहीं रहती थीं.
मुगल हरम की औरतों का सिर्फ इतना ही मकसद था कि हर समय खुद को सजा-संवार कर रखें. क्योंकि कोई नहीं जानता था कि सुल्तान कब हरम का रुख कर लें.
सूखे गुलाब के पत्तों का इस्तेमाल वो गालों पर ब्लश के तौर पर किया करती थीं. इससे त्वचा में निखार आता था.
पाउडर के रूप में ये औरतें सफेद मिट्टी का पाउडर चेहरे पर लगाती थीं जिससे सभी के चेहरे एक समान नजर आते थे.
कभी-कभी ये औरते अपने चेहरे को नींबू के रस से भी साफ करती थीं
चिकनी सफेद मिट्टी में इत्र की बूंदों को मिलाकर वो त्वचा को मॉइस्चराइज करती थीं.
कई बार जड़ी-बूटियों और तेलों का भी इस्तेमाल किया जाता था. इस वजह से उन्हें इसके बुरे नतीजों का भी सामना करना पड़ता था.
वहीं आंखों को खूबसूरत दिखाने के लिए मुगल हरम की औरतें सुरमा लगाया करती थीं