आखिरी दिनों जहन्नुम जैसी हो गई थी अकबर की हालत

मुगल बादशाहों में अकबर का नाम किसी ध्रुव तारे की तरह लिया जाता है.

उसने भारतीय उपमहाद्वीप के दो-तिहाई हिस्से को एक साम्राज्य का हिस्सा बनाया. इनमें पाक, अफगानिस्तान कश्मीर भी शामिल थे.

मुगल सल्तनत को अपराजेय बनाने के लिए अकबर ने कई वैवाहिक और मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए, जिनमें राजपूतों से विवाह शामिल है.

लेकिन हरम में 5000 महिलाओं को रखने वाले अकबर की हालत आखिरी दिनों में बेहद खराब हो गई थी.

उसका बड़ा बेटा सलीम अफीम और शराब का आदी था. इसलिए अकबर उसे ज्यादा पसंद नहीं करता था.

1591 में अकबर को शक हुआ कि सलीम उसे जहर देने की कोशिश कर रहा है.

1600 में सलीम ने अकबर के खिलाफ विद्रोह कर दिया. 1605 में अकबर बीमार पड़ा.

उस वक्त उसने सलीम के हाथी और उसके बेटे खुसरो के हाथी के बीच लड़ाई का आयोजन किया.

तब उसे लगा कि शायद इससे उसको उत्तराधिकारी मिल जाए. इस जंग में सलीम जीत गया.

इसके बाद वह परेशान रहने लगा और उसकी बीमारी और बढ़ने लगी. वैद्य ने सारे उपाय किए लेकिन फायदा नहीं हुआ.

मौत से चार दिन पहले सलीम अकबर से मिलने गया. तब अकबर बोलने की हालत में नहीं था.

अकबर ने अधिकारियों को सलीम के सिर पर शाही पगड़ी लगाने का आदेश दिया. इसके बाद सलीम को अकबर की गद्दी मिली.

27 अक्टूबर 1605 को पेचिश के कारण आधी रात को अकबर की मौत हो गई. आखिरी दिनों में उसकी जिंदगी नासूर जैसी गुजरी.

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