मां हर बच्चे की पहली गुरू होती हैं. बच्चा बहुत कुछ चीजें अपनी मां से ही सीखता है.
मां अपने बच्चे को सबसे अच्छी चीजें सीखाने की कोशिश करती है लेकिन शादी के बाद बेटी को कुछ चीजें बिल्कुल भी नहीं सिखानी चाहिए.
शादी के बाद अक्सर लड़कियां सास और मां के बीच तुलना करती हैं. ऐसे में अपनी बेटियों को बताएं कि तुलना करना गलता है. इससे मन टॉक्सिक विचार आएंगे.
मां हमेशा घर में सबका ख्याल रखती है चाहे वह बीमार क्यों न हो लेकिन सभी खुशी के लिए काम करती है ऐसे में वह अपने सपने और इच्छाओं को भूल जाती है. किसी भी मां को बेटी को यह नहीं सिखाना चाहिए. आपको खुद के लिए कुछ करना चाहिए.
कई बार मां बच्चों से लेकर परिवार की डाइट का ध्यान रखती है लेकिन अपनी डाइट भूल जाती है. परिवार के साथ खुद की सेहत का ध्यान रखने में कोई बुराई नहीं है.
बेटी को शादी के बाद चुप रहने की सलाह न दें. परिवार से खुलकर बात करें अगर न कहने की जरूरत हो ना भी बोल सकते हैं. परिवार भी एक टीम की तरह मिलकर काम करते हैं.
किसी भी मां को बेटी को इग्नोर करना नहीं सिखाना चाहिए. शुरुआती समय में इग्नोर करने से बात मन में रह जाती है जिसकी वजह से आने वाले समय में दिक्कत आती है. ऐसे में शुरुआत में ही बात करके चीजें क्लीयर रखनी चाहिए.
यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.