कितनी मुद्दत के बाद तुमसे मिले...ये हैं 10 शायरों के 10 बेहतरीन शेर

फ़िराक़ गोरख़पुरी

सर सौदा भी नहीं दिल में तमन्ना भी नहीं लेकिन इस तर्के मुहब्बत का भरोसा भी नहीं

मलिकज़ादा जावेद

रात को फुटपाथ मत रोशन करो हम ग़रीबों को बिछौना चाहिए

सलीम शाहिद

मिट्टी का जिस्म ले के चले हो तो सोच लो इस रास्ते में एक समुंदर भी आएगा

डॉ. सलाम संदेलवी

दिल की गहराइयों का राज़ किसी से न कहो आज जो दोस्त है दुश्मन कभी हो सकता है

ख़ुमार बाराबंकवी

न हारा है इश्क और न दुनिया थकी है दिया जल रहा है हवा चल रही है

गालिब

तुम न आए तो क्या सहर न हुई हां मगर चैन से बसर न हुई

जिगर मुरादाबादी

इश्क़ में लाजवाब हैं हम लोग माहताब आफ़ताब हैं हम लोग

कैफ भोपाली

दाग दुनिया ने दिए जख़्म ज़माने से मिले हम को तोहफे ये तुम्हें दोस्त बनाने से मिले

अनवर जलालपुरी

खुदगर्ज़ दुनिया में आखिर क्या करें क्या इन्हीं लोगों से समझौता करें

बशीर बद्र

कितनी मुद्दत के बाद तुमसे मिले मुस्कुराता है प्यार आंसू सा