सर सौदा भी नहीं दिल में तमन्ना भी नहीं लेकिन इस तर्के मुहब्बत का भरोसा भी नहीं
रात को फुटपाथ मत रोशन करो हम ग़रीबों को बिछौना चाहिए
मिट्टी का जिस्म ले के चले हो तो सोच लो इस रास्ते में एक समुंदर भी आएगा
दिल की गहराइयों का राज़ किसी से न कहो आज जो दोस्त है दुश्मन कभी हो सकता है
न हारा है इश्क और न दुनिया थकी है दिया जल रहा है हवा चल रही है
तुम न आए तो क्या सहर न हुई हां मगर चैन से बसर न हुई
इश्क़ में लाजवाब हैं हम लोग माहताब आफ़ताब हैं हम लोग
दाग दुनिया ने दिए जख़्म ज़माने से मिले हम को तोहफे ये तुम्हें दोस्त बनाने से मिले
खुदगर्ज़ दुनिया में आखिर क्या करें क्या इन्हीं लोगों से समझौता करें
कितनी मुद्दत के बाद तुमसे मिले मुस्कुराता है प्यार आंसू सा