वृंदावन में प्राण त्यागने वालों को क्या मिलता है? इंद्रेश जी ने बताया

इंद्रेश जी महाराज

कथा व्यास इंद्रेश उपाध्याय जी महाराज युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं. वे श्रीमद् भागवत कथा के माध्यम से ज्ञानवर्धक प्रवचन देते हैं.

सोशल मीडिया पर लोकप्रिय

इंद्रेश जी सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय रहते हैं. वैसे तो वे बृजवासी हैं यानी वृन्दावन से आते हैं, लेकिन कथाओं के व्यस्त कार्यक्रम के कारण देश के अलग-अलग कोनों में जाते रहते हैं.

वृंदावन और निज वृंदावन

इंद्रेश जी की आवाज व उनके कथा सुनाने के अंदाज से लोग काफी प्रभावित रहते हैं. अब उन्होंने वृंदावन और निज वृंदावन पर अपने विचार रखे हैं.

भाव की है बात

इंद्रेश जी कहते हैं कि वृंदावन जैसा है वो वैसा ही दिखता है यानी बांके बिहारी, राधा रमण लाल वैसे ही मंदिर में सबको दर्शन देते हुए खड़े मिलेंगे, लेकिन निज वृंदावन में जाना भाव की बात है.

निज वृंदावन कैसा है?

वे कहते हैं, निज वृंदावन सांसारिक दृष्टि से दिख पाना मुश्किल है. वहां ठाकुर जी केवल मंदिर में आपको खड़े दर्शन देते नहीं मिलेंगे, बल्कि आपसे बात करते, रास रचाते मिलेंगे.

वृंदावन में प्राण त्यागने पर क्या मिलता है?

इंद्रेश जी महाराज ने कहा कि वृंदावन में प्राण त्यागने वाले व्यक्ति को निज वृंदावन मिल जाता है.

वृंदावन में रहना ही एक मात्र साधन नहीं

इंद्रेश जी ऐसे कई उदाहरण दिए, जिससे व्यक्ति वृंदावन से दूर रहते हुए भी बिहारी जी के निकट होने का ही फल पाता है. लेकिन कैसे?

निज वृंदावन कब प्राप्त होगा?

इंद्रेश जी ने बताया, 1. वृंदावन में जन्मे और मृत्यु कहीं भी हो. 2. जन्मे कहीं भी हो लेकिन मृत्यु वृंदावन में हो जाए. 3. जन्म और मृत्यु दोनों वृंदावन से बाहर हुए हो, लेकिन अंतिम क्षण में वृंदावन बोल दिया तो निज वृंदावन मिल जाएगा.

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.)