Israel-Hamas War: आतंकियों की 1-1 मिसाइल का जवाब US का 'थाड', मिडिल-ईस्ट में होगा तैनात; जानिए ताकत
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Israel-Hamas War: आतंकियों की 1-1 मिसाइल का जवाब US का 'थाड', मिडिल-ईस्ट में होगा तैनात; जानिए ताकत

THAAD In Middle East: हमास-इजरायल की जंग से मिडिल-ईस्ट में तनाव लगातार बढ़ रहा है. इस बीच, अमेरिका इस इलाके में अपना मिसाइल डिफेंस सिस्टम थाड (THAAD) तैनात करने जा रहा है. आइए इसकी ताकत के बारे में जानते हैं.

Israel-Hamas War: आतंकियों की 1-1 मिसाइल का जवाब US का 'थाड', मिडिल-ईस्ट में होगा तैनात; जानिए ताकत

THAAD Missile Defence System: इजरायल-हमास जंग से जुड़ी बड़ी खबर है. अमेरिका (US) ने मिडिल-ईस्ट में थाड (THAAD) मिसाइल डिफेंस सिस्टम तैनात करने का फैसला किया है. इसके अलावा अमेरिका, मिडिल ईस्ट में पैट्रियट बटालियन की भी तैनाती करेगा. इसके अलावा इजरायल को अमेरिक की मदद जारी रहेगी. जान लें कि हमास और इजरायल में जंग शुरू होने के बाद से इराक और सीरिया में अमेरिका के बेस पर भी हमले हुए हैं. अमेरिका को आशंका है कि स्थिति बिगड़ने पर कुवैत, यमन और मिडिल-ईस्ट के अन्य देशों में भी उसके बेस पर अटैक हो सकता है. इसके मद्देनजर अमेरिका, मिडिल ईस्ट में थाड तैनात करेगा. आइए जानते हैं कि थाड की ताकत क्या है और कैसे इजरायल-हमास की ये जंग पूरे मिडिल-ईस्ट में फैलने के आसार हैं.

क्या है THAAD की ताकत?

बता दें कि THAAD का फुलफॉर्म टर्मिनल हाई एल्टिट्यूड एरिया डिफेंस है. थाड, मीडियम रेंज की बैलेस्टिक मिसाइलों को उड़ान के शुरुआती दौर में ही गिराने में सक्षम है. इसकी टेक्नोलॉजी हिट टू किल है यानी सामने से आ रहे हथियार को रोकती नहीं बल्कि नष्ट कर देती है. यह 200 किलोमीटर दूर तक और 150 किलोमीटर की ऊंचाई तक मार करने में सक्षम है. अमेरिका ने इससे पहले गुवाम और हैती में भी इसकी तैनाती की है ताकि उत्तर कोरिया के हमलों से इन इलाकों को बचाया जाए.

दो गुटों में बंटी दुनिया!

गौरतलब है कि इजरायल-हमास जंग के बीच दोनों तरफ से ताकतवर मुल्क लामबंद होने लगे हैं. जबकि दूसरी ओर जंग के रुकने के आसार नहीं दिख रहे हैं. हमास को ईरान, सीरिया, यमन, जॉर्डन और लेबनान का साथ मिल रहा है. सऊदी अरब भी ईरान से दुश्मनी भूलकर फिलिस्तीन के साथ खड़ा है. वहीं दुनिया के ताकतवर मुल्क अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और यूरोपिय यूनियन इजरायल के साथ खड़े हैं. ऐसे में दुनिया भर के इन ताकतवर मुल्कों की लामबंदी ने एक बार फिर थर्ड वर्ल्ड वॉर की सुगबुगाहट तेज कर दी है.

ईरान के मंसूबे हैं खतरनाक

गाजा की जंग शुरू होने से भी पहले से इस युद्ध की चिंगारी भड़क रही थी. लेकिन अब ये उस मुकाम पर पहुंची जा रही है, जहां से एक बड़ी जंग का आगाज हो सकता है. दरअसल, मिडिल ईस्ट के दुश्मन देश भी अब दुश्मनी भुला दोस्त बनकर इजरायल के खिलाफ खड़े होने का प्लान बना रहे हैं. जहां एक ओर गाजा के अस्पताल पर हमले के बाद सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के रुख में भी बदलाव देखने को मिला तो वहीं ईरान ने भी मौका देख मिडिल ईस्ट के देशों को एकजुट करने का प्रयास तेज कर दिया है. ईरान के मंसूबे बेहद खतरनाक दिख रहे हैं. माना जा रहा है कि हमास पर अगर हमले नहीं रुके तो ईरान, इजरायल पर चौतरफे हमले कराने के लिए खुद ही रणनीति बनाएगा. ईरान पहले भी इजरायल को चेतावनी दे चुका है.

आग में घी डालने का काम कर रहे आतंकी गुट

जबकि कई आतंकी संगठन भी इस युद्ध को भड़काने के लिए आग में घी डालने का काम कर रहे हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, हूती आतंकियों के पास 1200 मील से अधिक दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें हैं तो हिजबुल्लाह के पास आधुनिक मिसाइलों का जखीरा है. इनसे इजरायल के युद्धपोतों के साथ-साथ तेल अवीव को भी निशाना बनाया जा सकता है. ईरान-सीरिया में अमेरिकी सैनिकों पर हलमे के बाद माहौल और तनावपूर्ण हो गया है. दूसरी तरफ, पेंटागन ने भी साफ कर दिया है कि वो हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है.

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