Israel-Iran War: इजरायल के रक्षा कवच आयरन डोम और ऐरो-3 हाइपरसॉनिक सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम ने 110 में से 103 बैलिस्टिक मिसाइलों और ईरान की तमाम 36 क्रूज मिसाइलों को नेस्तनाबूद कर दिया. सिर्फ 7 बैलिस्टिक मिसाइलें ऐसी थीं, जो इजरायल मार नहीं पाया.
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Israel News: जिस देश का जन्म ही जंगी मैदान में हुआ हो, भला उसे रॉकेट, मिसाइलों और ड्रोन से कैसा डर. ये बात इजरायल ने एक बार फिर साबित कर दी. हमास ने जब इजरायल पर पिछले साल अक्टूबर में हमला बोला था, तब इजरायल के आयरन डोम की काफी किरकिरी हुई थी. लेकिन शनिवार रात जब ईरान ने इजरायल पर 331 मिसाइलें और 185 ड्रोन से हमला किया तो यहूदी देश ने ऐसा पलटवार किया कि हर कोई देखता रह गया.
इजरायल के रक्षा कवच आयरन डोम और ऐरो-3 हाइपरसॉनिक सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम ने 110 में से 103 बैलिस्टिक मिसाइलों और ईरान की तमाम 36 क्रूज मिसाइलों को नेस्तनाबूद कर दिया. सिर्फ 7 बैलिस्टिक मिसाइलें ऐसी थीं, जो इजरायल मार नहीं पाया.
कैसे इजरायल ने ध्वस्त की ईरान की मिसाइल
रिपोर्ट्स के मुताबिक ईरान की बैलिस्टिक मिसाइल स्पेस से यहूदी देश पर हमला करने जा रही थी. वह स्पेस में ही थी, तभी इजरायल ने अपनी Arrow-3 मिसाइल से प्रहार किया और उस मिसाइल का अंतरिक्ष में ही खात्मा कर डाला. इस कारण स्पेस में एक ब्लू कलर का बड़ा गोला बन गया. यह दोनों मिसाइलों की टक्कर से बना था. एक रिपोर्ट ये भी है कि अमेरिकी युद्धपोत से फायर की गई एसएम-3 मिसाइल के कारण स्पेस में यह गोला बना था, जिसने ईरान की मिसाइल को स्पेस में ही नष्ट कर दिया. अमेरिका और इजरायल में गहरे संबंध हैं.
Crazy Footage from tonight showing what appears to be an Exo-Atmospheric Interception, an Interception which occurs Outside the Earth’s Atmosphere, of an Iranian Ballistic Missile over Israel; the Intercept was likely conducted by the Israeli “Arrow 3” Hypersonic Surface-to-Air… pic.twitter.com/yzjW7rtThK
— OSINTdefender (@sentdefender) April 14, 2024
क्या है इजरायल की Arrow-3 मिसाइल?
अगर कोई दुश्मन देश इजरायल पर हमला करता है तो ऐरो-3 मिसाइल सिस्टम वायुमंडल के ऊपर से उसे सुरक्षा देता है. यह स्पेस में किसी भी सैटेलाइट को ध्वस्त कर सकती है. इसकी स्पीड, क्षमता और सटीकता के बारे में तो इजरायल की सरकार ने कोई खुलासा नहीं किया है. लेकिन माना जा रहा है कि यह ऐरो-2 मिसाइल सिस्टम से तेज है. साल 2017 में यह इजरायल की सेना में शामिल हुआ था. इजरायल उन चुनिंदा देशों में शुमार है, जो स्पेस में सैटेलाइट्स को ध्वस्त कर सकते हैं.
कैसे बढ़ा इजरायल-ईरान के बीच तनाव
सीरिया में एक अप्रैल को हवाई हमले में ईरानी वाणिज्य दूतावास में दो ईरानी जनरल के मारे जाने के बाद ईरान ने बदला लेने का प्रण लिया था. ईरान ने इस हमले के पीछे इजराइल का हाथ होने का आरोप लगाया था. हालांकि इजराइल ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी. दोनों देश वर्षों से एक दूसरे से द्यद्म युद्ध लड़ रहे हैं जिसमें दमिश्क हमले जैसी घटनाएं शामिल हैं लेकिन यह पहली बार है जब ईरान ने देश की 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद शुरू हुई दशकों की दुश्मनी के बाद इजराइल पर सीधे तौर पर हमला किया है.
इस बीच, हमास ने ईरान के हमले का स्वागत करते हुए कहा कि सीरिया में हमले की यह स्वाभाविक और उपयुक्त प्रतिक्रिया थी. इजराइल ने अमेरिका की मदद से कई वर्षों में एक आधुनिक हवाई रक्षा वाला नेटवर्क बनाया है जिसमें लंबी दूरी की मिसाइल, क्रूज़ मिसाइल, ड्रोन और कम दूरी के रॉकेट समेत कई तरह के हमलों को रोकने में सक्षम प्रणाली शामिल हैं. इस प्रणाली और अमेरिकी और अन्य बलों की मदद से इजराइल ईरान के इस हमले से अपनी रक्षा कर पाया और उसे उस तरह का नुकसान नहीं पहुंचा जो सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद नहीं होने की सूरत में होता.