Gwadar Airport: ग्वादर एयरपोर्ट का उद्घाटन पाकिस्तान और चीन के बीच गहराते संबंधों की गवाही है. इस एयरपोर्ट के जरिए न केवल क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ेगी बल्कि दक्षिण एशिया में चीन का प्रभाव भी मजबूत होगा.
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Pakistan-China Partnership: चीन जिस भी काम को ठान लेता है उसके लिए वह किसी भी हद तक जा सकता है. इसी कड़ी में उसने पाकिस्तान के ग्वादर एयरपोर्ट का काम पूरा कर लिया है. इसी के साथ चीन-पाकिस्तान के बीच रणनीतिक साझेदारी एक नए अध्याय में प्रवेश कर चुकी है. दिसंबर के अंत तक पाकिस्तान का 'इंटरनेशनल ग्वादर एयरपोर्ट' पूरी तरह से संचालित होने के लिए तैयार है. यह एयरपोर्ट एक तरफ तकनीकी उत्कृष्टता का उदाहरण है ही साथ ही दोनों देशों के घनिष्ठ आर्थिक और राजनीतिक संबंधों का प्रतीक भी है. इस प्रोजेक्ट को चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे CPEC के तहत विकसित किया गया है, जो चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
तकनीकी दृष्टि से अत्याधुनिक एयरपोर्ट
असल में ग्वादर एयरपोर्ट को 4एफ-ग्रेड का दर्जा दिया गया है, जो इसे दुनिया के सबसे बड़े और आधुनिक विमानों को संभालने में सक्षम बनाता है. 3,658 मीटर लंबे और 75 मीटर चौड़े रनवे के साथ, यह एयरपोर्ट इंजीनियरिंग का बेंचमार्क स्थापित करता है. एयरपोर्ट पर वाइड-बॉडी विमानों के लिए पांच स्लॉट, विशाल एप्रन, और विशेष कार्गो शेड जैसी सुविधाएं हैं, जो इसे व्यापार और निवेश के लिए आकर्षक बनाती हैं.
क्षेत्रीय विकास का केंद्र बनेगा?
ग्वादर एयरपोर्ट का संचालन शुरू होने के बाद यह क्षेत्रीय आर्थिक विकास का एक बड़ा केंद्र बन जाएगा. इसके माध्यम से ग्वादर को ट्रांसशिपमेंट हब के रूप में स्थापित करने की योजना है. ग्वादर पोर्ट पहले से ही सीपीईसी का एक प्रमुख हिस्सा है, जो पाकिस्तान और चीन के आर्थिक संबंधों को मजबूत करता है. एयरपोर्ट का परिचालन इन प्रयासों को और गति देगा.
चीन की भूमिका और महत्वाकांक्षा
यह बात सबको पता है कि चीन ने ग्वादर एयरपोर्ट के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाई है. यह परियोजना 2013 में शुरू हुई थी और अब अपने अंतिम चरण में है. चीन ने इस एयरपोर्ट के निर्माण के लिए न केवल तकनीकी सहायता प्रदान की बल्कि इसे अपनी वैश्विक महत्वाकांक्षा, बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव, का हिस्सा बनाया. इससे स्पष्ट होता है कि चीन पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को कितनी प्राथमिकता देता है.
क्या हैं इसके राजनीतिक और रणनीतिक मायने?
ग्वादर एयरपोर्ट का उद्घाटन पाकिस्तान और चीन के बीच गहराते संबंधों की गवाही देता है. इस एयरपोर्ट के जरिए न केवल क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ेगी बल्कि दक्षिण एशिया में चीन का प्रभाव भी मजबूत होगा. यह एयरपोर्ट न केवल पाकिस्तान की आर्थिक आकांक्षाओं को साकार करेगा बल्कि चीन की 'डिजिटल और आर्थिक सिल्क रोड' की परियोजनाओं को भी बढ़ावा देगा. एजेंसी इनपुट ( Demp Photo:AI)