S Jaishankar Bahrin visit: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को अपने बहरीन के समकक्ष अब्दुल लतीफ बिन राशिद अल जायनी से मुलाकात की और कहा कि वह सोमवार को होने वाली उच्च संयुक्त आयोग की बैठक की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे हैं. जयशंकर अल जायनी के साथ चौथे भारत-बहरीन उच्च संयुक्त आयोग (एचजेसी) की सह-अध्यक्षता करेंगे.
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Jaishankar at Manama Dialogue: भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर मिडिल ईस्ट में हैं. इस खबर ने पाकिस्तान के होश उड़े हुए हैं. वहां की सोशल मीडिया पर 'महाभारत' मची है. ऐसा इसलिए क्योंकि वो एक अहम देश बहरीन में हैं. रविवार को अपने बहरीन के समकक्ष अब्दुल लतीफ बिन राशिद अल जायनी से मुलाकात करते हुए उन्होंने कहा कि वो सोमवार को होने वाली हाई लेवल ज्वाइंट कमीशन की बैठक का बड़ी बेकरारी से इंतजार कर रहे हैं. जयशंकर अल जायनी के साथ चौथे भारत-बहरीन उच्च संयुक्त आयोग (एचजेसी) की सह-अध्यक्षता करेंगे.
मिडिल ईस्ट में भारत की जय-जय
वर्ल्ड लेवल की कॉन्फ्रेंस में शामिल होंने बहरीन पहुंचे जयशंकर का धूमधाम से स्वागत हुआ. इससे भी पाकिस्तानी अंदर तक जलभुन गए. इससे ज्यादा दुख तो पाकिस्तान के लोगों को तब हुआ जब वो वीकेंड यानी शनिवार को मिडिल ईस्ट के एक और इंपोर्टेंट देश कतर में थे, जहां उन्होंने दोहा फोरम में हिस्सा लिया और ऐसी बातें कहीं जिसे सुनकर दुनिया में सिर्फ एक देश बहुत ज्यादा मुश्किलों में फंस गया और उसका नाम है पाकिस्तान.
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PAK पर 'जय' का धमाका!
भारत के विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर वो इस वक्त कतर में मौजूद हैं. इस्लामाबाद को अफसोस के साथ ये सफाई देनी पड़ रही है कि पाकिस्तान इसका हिस्सा नहीं है. दोहा फोरम में डॉ. जयशंकर का जैसा भाषण सामने आया है बहुत जबरदस्त है.
लोग पूछ रहे क्या वजह है कि अब पाकिस्तान को नहीं बुलाया जाता?
मिडिल ईस्ट के बड़े सम्मेलन में जयशंकर को देखकर पाकिस्तान का दुख खत्म नहीं हो रहा. कतर में हुए दोहा फोरम में डॉ जयशंकर ने हिस्सा लिया. यहां दुनिया भर में फैली समस्याओं की बात हुई और ये सब देखकर पाकिस्तानियों के सीने पर सांप लोटने लगा. पड़ोसी पाकिस्तान के कुछ बाशिदों ने कहा- 'दोहा फोरम में उनको (भारत) को इसलिये बुलाया गया है ताकि दुनिया में शांति के लिये बात की जाये. कभी पाकिस्तान को हर जगह बुलाया जाता था, लेकिन आज हमारी लीडरशिप हमें इस मुकाम पर ले आई है कि हमें कोई बुलाता ही नहीं है. हमें कोई इंगेज ही नहीं करता इसकी वजह समझने में कोई मुश्किल नहीं है.
इस्लामाबाद में जयशंकर पर हो रहे कमेंट्स की वजह समझिये. एक वक्त था जब पाकिस्तान को मिडिल ईस्ट के देश भाव देते थे. पाकिस्तानी सरकार को खाड़ी देशों अपने मुद्दों में सिर्फ इसलिये शामिल करते थे क्योंकि पाकिस्तान भी एक मुस्लिम देश है. हालांकि अब वक्त बदल गया है और मजहब से ज्यादा इकॉनमी और कूटनीति की बात हो रही है.
अब ये सवाल है कि पाकिस्तान वहां पर क्यों नहीं है. पाकिस्तान को क्यों नहीं बुलाया दोहा फोरम में. इंडिया वहां पर मौजूद है, डॉ जयशंकर दोहा फोरम में स्पीच दे रहे हैं. हालांकि वहां पर तो एक मुस्लिम कंट्री के फॉरेन मिनिस्टर को होना चाहिए था.
दोहा फोरम जहां पर दुनिया भर के डिप्लोमैट्स मौजूद हैं. जहां पर दुनिया की सिक्योरिटी की बात हो रही है. वहां पर वो (पाकिस्तानी विदेश मंत्री) मौजूद नहीं हैं. तो इंडिया क्यों है? इंडिया नहीं होता तो कौन होगा.
जयशंकर का भाषण दुनिया ने ध्यान से सुना
दोहा फोरम के प्लेटफॉर्म से जयशंकर ने भारत सहित दुनिया के 125 देशों की बातें रखी. ये वो देश हैं जो दुनिया में चल रहे युद्ध से प्रभावित हो रहे हैं. चाहे वो रूस-यूक्रेन का युद्ध हो या फिर इजरायल-गाजा और लेबनान की जंग. जयशंकर अपनी डिप्लोमेसी के सहारे दुनिया का टेंपरेंचर ठंडा करने की कोशिश में हैं. लेकिन पाकिस्तान के पास दुनिया में शांति का कोई रोडमैप नहीं है. क्योंकि पाकिस्तान खुद ही दुनिया को अशांत करने की बड़ी वजह है.
पाकिस्तानियों ने कहा - 'जयशंकर जो हैं उनको इसलिये बुलाया जाता है क्योंकि वो एक सीरियस प्लेयर हैं. वो जानते हैं कि दुनिया के अंदर इंटरनेशनल सिस्टम चल कैसे रहा है. वो इस चीज को बड़े अच्छे से जानते हैं. वहीं हमारी पाकिस्तान की जो लीडरशिप है उसके अंदर वो करंट ही नहीं है, वो बात नहीं कर सकते हैं. वो अपना पक्ष नहीं रख सकते हैं. इसका मतलब है कि हमारे पास सही लोग नहीं हैं. हमारे नेता मान चुके हैं जो भी हों हमने इस मुल्क को ऐसे ही चलाना है'.
अभी सिर्फ दोहा फोरम की तस्वीरें आईं तो पाकिस्तान का ये हाल है. जयशंकर बहरीन की कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेंगे तब पाकिस्तान का कष्ट और भी ज्यादा बढ़ानेवाली तस्वीरें आएंगी.