Russia News: 71 वर्षीय पुतिन ने दो बार संविधान में संशोधन करने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया है ताकि वह सत्ता में बने रह सकें. वह पहले से ही सोवियत तानाशाह जोसेफ स्टालिन, के बाद सबसे लंबे समय तक पद पर रहने वाले क्रेमलिन नेता हैं.
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World News in Hindi: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को देश के संविधान में उन संशोधनों की सराहना की, जिन्होंने उन्हें 2036 तक सत्ता में बने रहने की अनुमति दी. संवैधानिक न्यायालय के जजों के साथ बैठक में बोलते हुए, पुतिन ने कहा कि जिन संशोधनों ने उनके लिए दो और कार्यकालों के लिए चुनाव लड़ने का रास्ता साफ किया है, वे ‘देश के भीतर और हमारे आसपास तेजी से बदलती स्थिति’ को देखते हुए आवश्यक थे.
71 वर्षीय पुतिन ने दो बार संविधान में संशोधन करने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया है ताकि वह सत्ता में बने रह सकें. वह पहले से ही सोवियत तानाशाह जोसेफ स्टालिन, जिनकी 1953 में मृत्यु हो गई, के बाद सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले क्रेमलिन नेता हैं.
2008 में, पुतिन कार्यकाल की सीमा निर्धारित होने कारण राष्ट्रपति का पद छोड़ दिया और प्रधानमंत्री बन गए. उन्होंने अपने करीबी सहयोगी दिमित्री मेदवेदेव को राष्ट्रपति बना दिया.
पुतिन कर चुके हैं चुनाव लड़ने की घोषणा
बता दें पुतिन ने हाल ही घोषणा की है कि वह देश के शीर्ष पद के लिए 2024 में होने वाला अगला चुनाव भी लड़ेंगे. उनका जीतना लगभग तय माना जा रहा है. चुनाव में उन्हें चुनौती देने वाले उनके संभावित आलोचक या तो जेल में बंद हैं या विदेश में रह रहे हैं और ज्यादातर स्वतंत्र मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
स्वतंत्र जनमत सर्वेक्षणों के अनुसार, यूक्रेन में सैन्य अभियान और निजी सैन्य कंपनी के प्रमुख येवगेनी प्रिगोजिन की बगावत का पुतिन की साख पर कोई असर पड़ता नहीं दिखता है.