शी जिनपिंग, किम जोंग से पुतिन तक...किस धर्म को मानते हैं दुनिया के ये धाकड़ नेता
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शी जिनपिंग, किम जोंग से पुतिन तक...किस धर्म को मानते हैं दुनिया के ये धाकड़ नेता

China Official Religion: दुनिया में धर्म हमेशा से एक बहस का विषय रहा है. हर देश में कोई ना कोई धर्म है, जिसे लोग मानते हैं. कुछ देशों में एक से ज्यादा धर्म को मानने वाले लोग हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि व्लादिमीर पुतिन, शी जिनपिंग और नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग किस धर्म को मानते हैं. चलिए आपको बताते हैं. 

शी जिनपिंग, किम जोंग से पुतिन तक...किस धर्म को मानते हैं दुनिया के ये धाकड़ नेता

Which Religion Putin Follows: दुनिया के हर हिस्से में लोग अलग-अलग धर्मों को मानते हैं. सबसे ज्यादा आबादी ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों की है. इसके बाद इस्लाम और फिर हिंदुओं का नंबर आता है. कई जगह ऐसा भी है कि लोग धर्म का त्याग रहे हैं. दुनिया में नास्तिकता का विचार भी तेजी से बढ़ रहा है. लेकिन फिर भी धर्म को मानने वालों की तादाद बढ़ी ही है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया की महाशक्तियों को चलाने वाले नेता खुद किस धर्म को मानते हैं. चलिए आपको बताते हैं.

पहले बात करते हैं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की. रूस पर सबसे लंबे वक्त तक शासन करने वाले पुतिन हमेशा से ही निजी आस्था को लेकर गंभीर रहे हैं और यहां तक ​​कि उन्होंने जॉर्ज डब्ल्यू बुश को एक छोटा सा एल्युमिनियम क्रॉस भी दिखाया था. पुतिन का चर्च से तआरुफ उनकी ईसाई मां ने कराया था. जब 1950 के दशक की शुरुआत में उन्हें गुप्त रूप से बैप्टाइज्ड किया गया था. 

पुतिन ने खुद किया था खुलासा

पुतिन ने अपने केजीबी के दिनों में इसका खुलासा नहीं किया, लेकिन खुद एक इंटरव्यू में पुतिन ने कहा था, '1993 में जब मैं लेनिनग्राद सिटी काउंसिल में काम करता था, तो मैं एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में इजराइल गया था. मां ने मुझे मेरा बैप्टिज्म क्रॉस दिया ताकि मैं इसे प्रभु की समाधि पर आशीर्वाद ले सकूं. मैंने उनकी बात मानी और फिर क्रॉस को अपने गले में डाल लिया. मैंने तब से इसे कभी नहीं उतारा.'

कम्युनिस्टों के उलट, पुतिन ने रूढ़िवादी चर्च के साथ बेहतर संबंध बनाए और उनके सबसे करीबी विश्वासपात्रों में से एक आर्किमंड्राइट तिखोन हैं, जो स्रेतेन्स्की मठ के फादर सुपीरियर हैं. कुछ लोगों ने तो यह भी दावा किया है कि तिखोन पुतिन के बारे में किसी और से ज्यादा जानते हैं. पुतिन और तिखोन ने रूस के बाहर रूसी रूढ़िवादी चर्च को फिर से एकजुट करने के लिए मिलकर काम किया. तिखोन ने यह भी दावा किया है कि पुतिन एक छोटे चैपल में रोज प्रार्थना करते हैं. हालांकि ना तो सर्वोच्च ईश्वर  और ना ही पर पुतिन ने कभी कोई जवाब नहीं दिया. 

शी जिनपिंग किस धर्म को मानते हैं?

अब बात करते हैं चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की. शी जिनपिंग चीन की सत्तारूढ़ पार्टी सीसीपी के सदस्य हैं, जो आधिकारिक तौर पर नास्तिक है. इसके सदस्यों पर भी धार्मिक मान्यताएं रखने पर प्रतिबंध है. अगर इसका कोई सदस्य किसी धार्मिक संस्था या संगठन से जुड़ा हुआ पाया जाता है, तो उसको पार्टी बर्खास्त तक है. इतना ही नहीं, पार्टी से रिटायर सदस्यों को भी किसी धर्म को मानने की मनाही है. तो इसका मतलब यह हुआ कि शी जिनपिंग किसी धर्म को नहीं मानते. हालांकि चीन में पांच धर्मों को आधिकारिक माना जाता है. ये हैं- बौद्ध धर्म, ताओवाद, इस्लाम, प्रोटेस्टेंटवाद और कैथोलिकवाद.

तानाशाह किम जोंग का है ऐसा हाल

अब रुख करते हैं नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन का. नॉर्थ कोरिया में नियम बेहद सख्त हैं. छोटी-छोटी गलतियों के लिए भी मौत की सजा है. नॉर्थ कोरिया में ईश्वर को मानने की मनाही है. लिहाजा किम जोंग भी शी जिनपिंग की तरह नास्तिक हैं. वह ईश्वर या किसी धर्म को नहीं मानते. 

नॉर्थ कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग कम्युनिज्म के सिद्धांत पर चलते हैं. नॉर्थ कोरिया में कुछ ही चर्च और मस्जिद हैं. लेकिन लोग धार्मिक गतिविधियों से जुड़े हुए नहीं हैं. 

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