महुआ मोइत्रा की सांसदी जाने पर भड़कीं ममता बनर्जी, बताया- लोकतंत्र के साथ विश्वासघात

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी. इससे पहले सदन में लोकसभा की आचार समिति की रिपोर्ट पर चर्चा के बाद उसे मंजूरी दी गई, जिसमें मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश की गई थी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 8, 2023, 05:48 PM IST
  • जानिए क्या है पूरा मामला
  • ममता बनर्जी ने उठाए सवाल
महुआ मोइत्रा की सांसदी जाने पर भड़कीं ममता बनर्जी, बताया- लोकतंत्र के साथ विश्वासघात

नई दिल्लीः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को ‘धन लेकर सवाल पूछने’ के मामले में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को लोकसभा की सदस्यता से निष्कासित करने के फैसले की निंदा की और इस कदम को देश के संसदीय लोकतंत्र के साथ ‘‘विश्वासघात’’ करार दिया. मोइत्रा को ‘धन लेकर सवाल पूछने’ के मामले में शुक्रवार को सदन की सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया. 

मोइत्रा की संसद सदस्यता खत्म
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी. इससे पहले सदन में लोकसभा की आचार समिति की रिपोर्ट पर चर्चा के बाद उसे मंजूरी दी गई, जिसमें मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश की गई थी.

क्या बोली ममता बनर्जी
बनर्जी ने कहा, ‘‘यह संसदीय लोकतंत्र के लिए शर्म की बात है. जिस तरह से महुआ मोइत्रा को निष्कासित किया गया, उसकी हम निंदा करते हैं, पार्टी उनके साथ खड़ी है. वे (भाजपा) हमें चुनाव में नहीं हरा सकते, इसलिए उन्होंने बदले की राजनीति का सहारा लिया है. यह दुखद दिन है और भारतीय संसदीय लोकतंत्र के साथ विश्वासघात है.’’ टीएमसी प्रमुख ने आरोप लगाया कि भाजपा ने मोइत्रा को अपना पक्ष रखने की भी अनुमति नहीं दी. 

बनर्जी ने कहा, ‘‘लेकिन, वह (मोइत्रा) बड़े जनादेश के साथ संसद में लौटेंगी. भाजपा सोचती है कि पार्टी जो चाहे कर सकती है, क्योंकि उनके पास प्रचंड बहुमत है. उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि एक दिन ऐसा भी आ सकता है, जब वे सत्ता में नहीं रहेंगे.

टीएमसी की नेता महुआ मोइत्रा पर 'कैश फॉर क्वेरी' के आरोप हैं. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाए थे कि महुआ ने बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी के कहने पर संसद में अडानी ग्रुप और पीएम मोदी पर हमला बोला. साथ ही हीरानंदानी के कहने पर इस मुद्दे से जुड़े सवाल भी पूछे. इसके बदले में बिजनेसमैन हीरानंदानी से महुआ को गिफ्ट्स मिले. 

इसके अलावा महुआ पर आरोप है कि उन्होंने अपनी संसदीय आईडी का लॉगइन पासवर्ड भी बिजनेसमैन के साथ शेयर किया. बिजनेसमैन उनकी आईडी का उपयोग कर खुद सवाल पूछते थे. इसके बाद यह मामला लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के पास गया. उन्होंने इस पर एथिक्स कमेटी बनाई. कमेटी ने महुआ को दोषी माना. 

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