शरद पवार की पार्टी ने दी कुश्ती संघ निलंबन पर प्रतिक्रिया, कहा- ये सिर्फ एक ढोंग

रविवार 24 दिसंबर को खेल मंत्रालय ने एक बड़ा कदम उठाते हुए हाल में ही निर्वाचित भारतीय कुश्ती महासंघ को निलंबित कर दिया. WFI के निलंबन को शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने ढोंग बताया है. NCP का कहना है कि केंद्रीय खेल मंत्रालय की ओर से भारतीय कुश्ती महासंघ को निलंबित करना एक ढोंग है.

Written by - Pramit Singh | Last Updated : Dec 24, 2023, 06:30 PM IST
  • 'BJP कर रही है ढोंग'
  • 21 दिसंबर को हुए थे WFI के चुनाव
शरद पवार की पार्टी ने दी कुश्ती संघ निलंबन पर प्रतिक्रिया, कहा- ये सिर्फ एक ढोंग

नई दिल्लीः रविवार 24 दिसंबर को खेल मंत्रालय ने एक बड़ा कदम उठाते हुए हाल में ही निर्वाचित भारतीय कुश्ती महासंघ को निलंबित कर दिया. WFI के निलंबन को शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने ढोंग बताया है. NCP का कहना है कि केंद्रीय खेल मंत्रालय की ओर से भारतीय कुश्ती महासंघ को निलंबित करना एक ढोंग है. ऐसा करके सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) महिला पहलवानों की मदद नहीं करने के आरोप से खुद को मुक्त नहीं कर सकती.

'BJP कर रही है ढोंग'
एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो ने एक्स पर लिखा, ‘यदि ऐसा किया जा सकता है तो उन्होंने चुनाव क्यों कराने दिये? समिति को निलंबित करके अगर भाजपा के नेतृत्व वाला मंत्रालय सोचता है कि वे महिला पहलवानों की मदद नहीं करने के आरोपों से खुद को मुक्त कर रहे हैं तो वे गलत हैं.’

खेल मंत्रालय की ओर से क्या कहा गया
बता दें कि खेल मंत्रालय ने रविवार 24 दिसंबर को डब्ल्यूएफआई को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया. इस दौरान खेल मंत्रालय की ओर से हवाला दिया गया कि नवनिर्वाचित संस्था ने उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया और पहलवानों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिए बिना अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन की जल्दबाजी में घोषणा की. नई संस्था पूरी तरह से पूर्व पदाधिकारियों के नियंत्रण में काम कर रही थी, जो राष्ट्रीय खेल संहिता के अनुरूप नहीं है. 

21 दिसंबर को हुए थे WFI के चुनाव
गौरतलब है कि डब्ल्यूएफआई के चुनाव 21 दिसंबर को हुए थे. इसमें WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के विश्वासपात्र संजय सिंह और उनके पैनल ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी. संजय की इस जीत के बाद से ही कई पहलवानों ने विरोध जताना शुरू कर दिया था. साक्षी मलिक ने तो इस विरोध में संन्यास तक का ऐलान कर दिया. वहीं, बजरंग पुनिया और वीरेंद्र सिंह ने अपना पद्मश्री लौटाने का फैसला किया था. 

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