WFI को भंग करते वक्त नहीं हुआ नियमों का पालन, संजय सिंह ने बताया अपना अगला प्लान

संजय ने कहा कि सरकार डब्ल्यूएफआई का पक्ष सुने बिना उनकी स्वायत्त और लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई संस्था को निलंबित नहीं कर सकती.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 28, 2023, 05:08 PM IST
  • जानिए क्या है पूरा मामला
  • संजय सिंह ने दिया ये बयान
WFI को भंग करते वक्त नहीं हुआ नियमों का पालन, संजय सिंह ने बताया अपना अगला प्लान

नई दिल्लीः भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह ने गुरुवार को कहा कि खेल मंत्रालय ने कुश्ती की राष्ट्रीय संस्था को निलंबित करते समय उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया. उन्होंने कहा कि वे सरकार के इस फैसले को अदालत में चुनौती देंगे. दरअसल,  खेल मंत्रालय ने रविवार को डब्ल्यूएफआई को चुनाव के तीन दिन बाद निलंबित कर दिया था कि उसने अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैम्पियनशिप की घोषणा समेत कुछ फैसले करने में अपने ही संविधान का उल्लघंन किया था. 

जानें क्या बोले संजय सिंह
संजय ने कहा कि सरकार डब्ल्यूएफआई का पक्ष सुने बिना उनकी स्वायत्त और लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई संस्था को निलंबित नहीं कर सकती. संजय ने पीटीआई से कहा, ‘हमने लोकतांत्रिक तरीके से डब्ल्यूएफआई के चुनाव जीते. जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त प्रधान न्यायाधीश निर्वाचन अधिकारी थे, इसमें भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) और यूनाईटेड विश्व कुश्ती (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) के भी पर्यवेक्षक थे. चुनावों में 22 राज्य इकाईयों (25 राज्य संघ में से तीन अनुपस्थित थे) ने हिस्सा लिया था, 47 वोट मिले थे जिसमें से मुझे 40 मिले थे. ’ 

कहा- हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे
संजय सिंह ने कहा कि इसके बावजूद अगर हमें निलंबित कर दिया जाता है तो हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे. लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गयी संस्था को अपना पक्ष रखने का मौका ही नहीं दिया गया जो न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है जबकि भारतीय संविधान के अंतर्गत हर कोई इसका हकदार होता है. डब्ल्यूएफआई के लिए अगला कदम क्या होता तो उन्होंने कहा, ‘डब्ल्यूएफआई एक स्वायत्त संस्था है और सरकार ने उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया. हम सरकार से बात करेंगे और अगर सरकार निलंबन वापस नहीं लेती है तो हम कानूनी राय लेंगे और अदालत का रूख करेंगे.’

संजय ने साथ ही कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया से मिलने के लिए हरियाणा के अखाड़े में पहुंचने से स्पष्ट हो गया कि तिकड़ी (बजरंग, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक) राजनीति कर रही है. डब्ल्यूएफआई के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय ने कहा, ‘‘साफ है कि उन्हें (बजरंग, विनेश और साक्षी) कांग्रेस और वामपंथी दलों का समर्थन प्राप्त है. ये तीनों इन राजनीतिक दलों के हिसाब से चल रहे हैं. 
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