अब पौष्टिक तत्वों के साथ राशन बांट रही सरकार, जानिए किन्हें मिल रहा फायदा

सरकार राशन में पौष्टिक तत्व मिलाकर बांट रही है. इसका उद्देश्य पोषण स्तर में सुधार लाना है और कुपोषण को खत्म करना है. राशन में पौष्टिक तत्व (आयुष अवयव) मिलाने का फायदा भी देखने को मिल रहा है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 18, 2022, 05:26 PM IST
  • गुजरात-कर्नाटक में आजमाई जा रही परियोजना
  • जानिए किन शहरों में चल रहा पायलट प्रोजेक्ट
अब पौष्टिक तत्वों के साथ राशन बांट रही सरकार, जानिए किन्हें मिल रहा फायदा

नई दिल्लीः सरकार राशन में पौष्टिक तत्व मिलाकर बांट रही है. इसका उद्देश्य पोषण स्तर में सुधार लाना है और कुपोषण को खत्म करना है. राशन में पौष्टिक तत्व (आयुष अवयव) मिलाने का फायदा भी देखने को मिल रहा है.

आंगनबाड़ी से दिए जाने वाले राशन में मिलाए जा रहे आयुष अवयव
दरअसल, सरकार बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार लाने के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों से उन्हें दिए जाने वाले राशन में ‘आयुष’ अवयव मिलाने के कदम को जांच परख रही है. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने इस संबंध में जानकारी दी.

गुजरात-कर्नाटक में आजमाई जा रही परियोजना
उन्होंने बताया कि यह परियोजना प्रयोग के आधार पर गुजरात एवं कर्नाटक में आजमाई जा रही है तथा इन दोनों ही राज्यों ने अच्छे परिणाम दिए हैं. उन्होंने कहा कि यह देखने के लिए इस परियोजना के निष्कर्षों को आईसीएमआर के साथ साझा किया जाएगा कि क्या इसका (पहल का) चिकित्सकीय दृष्टि से तृतीय पक्ष सत्यापन हो सकता है. उन्होंने कहा कि ऐसा हो, यह सुनिश्चित करने के लिए हमारी आयुष सचिव के साथ लगातार वार्ता हो रही है. 

आईसीडीएस की संयुक्त निदेशक अवंतिका दर्जी ने कहा कि गुजरात में बच्चों को दिए जाने वाले बालशक्ति में त्रिकटू और विदांग तथा गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं के राशन मातृशक्ति में जीरा और मुस्ता जैसे आयुर्वेदिक अवयव मिलाये जा रहे हैं. 

इन शहरों में चल रहा पायलट प्रोजेक्ट
उन्होंने कहा कि गुजरात में यह प्रायोगिक परियोजना जामनगर, देवभूमि द्वारका, डांग , नर्मदा , भावनगर और दाहोद में चलायी जा रही है. दर्जी ने कहा, ‘आईसीडीए लाभार्थियों के स्वास्थ्य एवं पोषण दर्जे में सुधार के लिए गुजरात सरकार गुजरात दुग्ध विपणन सहकारी संघ और संबंधित डेयरी संघों के सहयोग से ‘सूक्ष्मपोषक समृद्ध’ राशन दे रही है.’ 

देखने को मिल रहे ये सुधार
उन्होंने कहा कि यह देखा गया कि इससे (आयुष अवयवों से) बच्चों में भूख, पोषण का पाचन, वजन में वृद्धि, आंत में कृमि नियंत्रण और अपच में सुधार आता है तथा गर्भवती एवं स्तनपान करने वाली महिलाओं में जीरा से ‘नाभिनाल में आईपोक्सिक (ऑक्सीजन की कमी) की स्थिति में सुधार आता है. 

सरकार कुपोषण से लड़ने के लिए छह माह से छह साल तक के बच्चों तथा गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए राशन प्रदान कर रही है.

 

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