नई दिल्लीः Pakistan News: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में हो रही तीखी बहस के दौरान पूर्व तानाशाह राष्ट्रपति को फांसी पर लटकाने की मांग की. उन्होंने कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए पूर्व सैन्य तानाशाह अयूब खान के शव को कब्र से निकाला जाए और फांसी पर लटका दिया जाए.
जानें कैसे शुरू हुआ पूरा मामला
समस्या तब शुरू हुई जब सोमवार को अयूब खान के पोते और विपक्षी नेता उमर अयूब खान ने सैन्य प्रवक्ता मेजर-जनरल अहमद शरीफ चौधरी के पिछले सप्ताह के संवाददाता सम्मेलन पर कड़ी आपत्ति जताई और इसे सेना की ओर से राजनीति में हस्तक्षेप करना करार दिया. उमर अयूब खान ने कहा, 'संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं.'
'संविधान को निरस्त करना देशद्रोह'
उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती. उन्होंने कहा ‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए. यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था.’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है. उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए.
रक्षा मंत्री ने संसद में की तल्ख टिप्पणी
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए. रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, 'देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए.'
विपक्षी दलों ने टिप्पणी पर जताया विरोध
आसिफ की टिप्पणी पर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सहित विभिन्न विपक्षी दलों के सांसदों ने विरोध जताया और नेशनल असेंबली में हंगामा होने लगा. स्पीकर अयाज सादिक ने शांति बनाए रखने का अनुरोध किया. अपनी मांग दोहराते हुए आसिफ ने कहा, ‘जो सभी समस्याओं, संविधान के उल्लंघन एवं अराजकता की जड़ है, उसके शव को खोद कर निकाला जाए और फांसी पर लटकाया जाए.’
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