नए संसद भवन पर होगी देवी-देवताओं की कृपा, पूरे देश में होगी हिमाचल की चर्चा
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नए संसद भवन पर होगी देवी-देवताओं की कृपा, पूरे देश में होगी हिमाचल की चर्चा

हिमाचल प्रदेश की संस्कृति को अब पूरा देश जानेगा. हिमाचल प्रदेश के शक्तिपीठों, धार्मिक स्थलों और ऐतिहासिक धरोहरों की मिट्टी का उपयोग दिल्ली में बन रहे नए संसद भवन में किया जाएगा जो कि हिमाचल के लिए गर्व की बात है. 

नए संसद भवन पर होगी देवी-देवताओं की कृपा, पूरे देश में होगी हिमाचल की चर्चा

विजय भारद्वाज/बिलासपुर: दिल्ली में बन रहे नए संसद भवन में देवभूमि व वीरभूमि हिमाचल प्रदेश के शक्तिपीठों, धार्मिक स्थलों और ऐतिहासिक धरोहरों की धरती की मिट्टी इस्तेमाल में लाई जाएगी. हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला से भी तीन अलग-अलग स्थानों की मिट्टी नए संसद भवन के निर्माण के लिए भेजी गई है, जिसमें देश के 52 शक्तिपीठों में शुमार माता नैनादेवी के मंदिर परिसर की मिट्टी, ऋषि मार्कण्डेय की तपोस्थली से पहचान रखने वाले ऋषि मार्कण्डेय मंदिर की मिट्टी और स्वतंत्रता सेनानियों और देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए वीर जवानों की याद में झंडूता स्थित वीरभूमि राहियां में बनाए गए 101वां शहीद स्मारक की मिट्टी शामिल है. 

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शिमला स्थित कार्यालय में की जा रही मिट्टी की पैकिंग
जिला भाषा अधिकारी रेवती सैनी ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि भाषा एवं संस्कृति विभाग बिलासपुर की ओर से तीनों स्थानों की पवित्र मिट्टी को शिमला स्थित कार्यालय में भेज दिया गया है, जहां इसकी पैकिंग कर दिल्ली स्थित हिमाचल भवन के रेजिडेंट कमिश्नर कार्यालय भेजा जा रहा है. इसके बाद इस मिट्टी को नए संसद भवन निर्माण के लिए सौंप दिया जाएगा. 

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हिमाचल की संस्कृति जानेगा पूरा देश
उन्होंने कहा कि बिलासपुर की धरती देवभूमि व वीरभूमि है इसीलिए शक्तिपीठ श्री नैनादेवी, ऋषि मुनियों की धरती मार्कण्डेय मंदिर और वीरभूमि राहियां स्थित शहीद स्मारक की मिट्टी नए संसद भवन के निर्माण के लिए भेजी गई है ताकि संसद भवन पर देवी-देवताओं का आशीर्वाद बना रहे. इसके साथ ही तीनों स्थलों के इतिहास और महत्व की जानकारी भी मिट्टी के साथ भेजी गई है ताकि इन जगहों के महत्व को पूरा देश जान सके. उन्होंने कहा कि यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि देवभूमि बिलासपुर की मिट्टी से नए संसद भवन का निर्माण किया जाएगा. इतिहास के पन्नो में तीनों स्थलों की यादें हमेशा संजोकर रखी जाएंगी. यह है गरिमापूर्ण पल है. 

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