ओमान में फंसे झारखंड के 6 मजदूर; धोखे के हुए शिकार, दाने-दाने को हैं मोहताज
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ओमान में फंसे झारखंड के 6 मजदूर; धोखे के हुए शिकार, दाने-दाने को हैं मोहताज

Jharkhand News: ओमान की राजधानी मस्कट में फिर से 6 मजदूर फंस गए है. सभी मजदूर एक टॅावर की कंपनी में काम करता था. सोशल मीडिया पर वीडियो के जरिये सरकार से मदद की गुहार लगाई है.  

 

ओमान में फंसे झारखंड के 6 मजदूर; धोखे के हुए शिकार, दाने-दाने को हैं मोहताज

Jharkhand News: अपने वतन को छोड़कर हजारों किलोमीटर दूर कमाने के लिए जाते हैं ताकि अपनी और अपने परिवार के लोगों की भरन-पोषण अच्छे से कर सके. लेकिन आये दिन खबर मिलती रहती है कि कंपनी वाले गरीब मजदूरों को दलालों के जरिये कर बुलाकर शोषण करते हैं. देश में बैठे दलाल नौकरी के नाम पर लाखों रूपये ऐंठते हैं. और विदेशी कंपनी को मजदूर सप्लाई करते हैं. जब कंपनी यहां से मजदूरों को लेकर जाती है तो उससे दूसरा काम करवाने लगते हैं. मना करने पर तरह तरह की यातनाएं दी जाती है. यहां तक कंपनी पासपोर्ट भी जब्त कर लेते हैं. अब ऐसा ही एक मामला आया है जहां 6 मजदूर सोशल मीडिया के जरिये मदद की गुहार लगा रहे हैं. सभी मजदूर  झारखंड के रहने वाले हैं.   

सभी 6 मजदूर अपनी कंपनी की मनमानी की वजह से ओमान में फंसे हुए हैं.  सभी लोग खाने-पीने के लिए  दाने-दाने को मोहताज हैं. ओमान की राजधानी मस्कट में फंसे इन मजदूरों ने केंद्र और राज्य सरकारों से सोशल मीडिया के जरिये से विडियो से मदद गुहार लगाई है. वायरल वीडियो में सभी 6 मजदूरों भारत वापसी की मदद मांगी है.

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खाने के लिए तरस रहे मजदूर
सभी मजदूर झारखंड के जिला गिरिडीह,हजारीबाग और बोकारो के रहनेवाले हैं. ये सभी मजदूर पिछले 22 दिसंबर 2022 को मोबाइल टॅावर की कंपनी में काम करने के लिए राजधानी मस्कट गये थे. सभी मजदूरों से काम तो करवा रहा है, लेकिन  पिछले पांच महीने से किसी भी मजदूर को वेतन नहीं मिला हैं. जिसकी वजह से सभी मजदूर खाने के लिए मोहताज हो गये हैं.

सरकार से की ये अपील
सभी फंसे मजदूरों के परिजन परेशान हैं. कंपनी ने मजदूरों का पासपोर्ट भी जब्त कर लिया गया हैं. मजदूरों की आवाज उठाने वाले सिकंदर अली ने केंद्र व राज्य सरकार से ओमान में फंसे मजदूरों को मदद करने की अपील की है. "कहा कि यह पहली घटना नहीं है. काम की तलाश में मजदूर विदेश जाते हैं, वहां उनको यातनाएं झेलनी पड़ती हैं. बड़ी मुश्किल से वे स्वदेश लौट पाते हैं. पहले भी कई ऐसे मामले सामने आए हैं. ऐसे में सरकार को इस पर ठोस कदम उठाने की जरूरत हैं".

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