दुनिया के 60 फीसद मिस मैनेजमेंट प्लास्टिक कचरे के लिए जिम्मेदार 12 मुल्कों में भारत भी शामिल: रिपोर्ट
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दुनिया के 60 फीसद मिस मैनेजमेंट प्लास्टिक कचरे के लिए जिम्मेदार 12 मुल्कों में भारत भी शामिल: रिपोर्ट

Global Plastic Pollution: एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि ,दुनिया में 60 फीसद प्लास्टिक कचरे के कुप्रबंधन के लिए जिम्मेदार बारह देशों में भारत का नाम भी शामिल है. भारत, दुनिया में 60 फीसद प्लास्टिक कचरे के मिस मैनेजमेंट के लिए जिम्मेदार 12 मुल्कों की लिस्ट में शामिल है. 

दुनिया के 60 फीसद मिस मैनेजमेंट प्लास्टिक कचरे के लिए जिम्मेदार 12 मुल्कों में भारत भी शामिल: रिपोर्ट

India Waste Mismanagement Percentage: एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि ,दुनिया में 60 फीसद प्लास्टिक कचरे के मिस मैनेजमेंट के लिए जिम्मेदार बारह देशों में भारत का नाम भी शामिल है. भारत दुनिया में 60 फीसद प्लास्टिक कचरे के कुप्रबंधन के लिए जिम्मेदार 12 मुल्कों की लिस्ट में शामिल है. हालांकि, तेजी से विकसित हो रहे इस साउथ एशियाई देश का हर शख्स प्लास्टिक कचरा उत्पादन दुनिया में सबसे कम है. एक नई रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है. स्विस गैर-लाभकारी संस्था 'ईए अर्थ एक्शन' की 'प्लास्टिक ओवरशूट डे' रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि, 2021 के बाद से वैश्विक प्लास्टिक अपशिष्ट पैदावार में 7.11 फीसद का इजाफा दर्ज हुआ है.

पर्यावरण को नुकसान
अंदाजा लगाया जा रहा है कि, इस साल दुनिया में 22 करोड़ टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न हुआ है, जिसमें से 7 करोड़ टन अंततः एनवायरमेंट को नुकसान पहुंचाने की वजह बनेगा. यह रिपोर्ट कनाडा के ओटावा में यूनाइनडेट नेशन की अंतर सरकारी वार्ता समिति (INC) की चौथी मीटिमग से पहले आई है. दुनिया भर के लीडर प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म करने के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी उपाय विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं. इसमें कहा गया है कि, दुनिया के 60 फीसद कुप्रबंधित प्लास्टिक कचरे के लिए 12 देश जिम्मेदार हैं. इनमें चीन, भारत, रूस, ब्राजील, मैक्सिको, वियतनाम, ईरान, इंडोनेशिया, मिस्र, पाकिस्तान, अमेरिका और तुर्की का नाम शामिल है.

बेल्जियम में सबसे ज्यादा प्लास्टिक कचरे का उत्पादन
हालांकि, इस रिपोर्ट में प्रति व्यक्ति प्लास्टिक अपशिष्ट उत्पादन (प्रति वर्ष 8 किलोग्राम प्रति व्यक्ति) कम होने की वजह से भारत को 'कम अपशिष्ट उत्पादक' प्रदूषक के तौर में वर्गीकृत किया गया है, लेकिन इसमें कहा गया है कि 2024 में देश का 74 लाख टन कचरा बिना प्रबंधन के रहने का अनुमान है जो काफी ज्यादा है. रिपोर्ट में यह दावा भी किया गया है कि, भारत पर्यावरण में औसतन 3,91,879 टन माइक्रोप्लास्टिक और जलमार्गों में 31,483 टन रसायन छोड़ सकता है. रिपोर्ट के अनुसार बेल्जियम के शहरी सबसे ज्यादा प्लास्टिक कचरे का उत्पादन करते हैं. 

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