वादा कर उसे तोड़ने वाला नहीं होता है मुसलमान; आप भी ऐसा करते हैं, तो पढ़ लें ये हदीस
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2140227

वादा कर उसे तोड़ने वाला नहीं होता है मुसलमान; आप भी ऐसा करते हैं, तो पढ़ लें ये हदीस

Islamic Knowledge: इस्लाम में वादे की बहुत अहमियत बताई गई है. जो शख्स वादा करके पूरा नहीं करता है वह मुनाफिक है.

वादा कर उसे तोड़ने वाला नहीं होता है मुसलमान; आप भी ऐसा करते हैं, तो पढ़ लें ये हदीस

Islamic Knowledge: आजकल देखने को मिलता है कि लोग पैसे उधार ले लेते हैं और फिर उसे देने का वादा करते हैं. लेकिन कई मामलों में वक्त पर पैसा नहीं लौटा पाते हैं. इसी तरह से दूसरे वादे भी लोग वक्त पर नहीं निभा पाते, जबिक वह शख्स जिससे वादा किया गया होता है, वह वादा पूरा होने के इंतजार में रहता है. हालांकि, इस्लाम इस बात पर जोर देता है कि अगर आप किसी से वादा करें तो उसे वक्त पर निभाएं. इस्लाम में वादे की बहुत अहमियत है.

मोमिन वादा निभाते हैं
इस्लाम की तालीम में वादा पूरा करना और अपनी बात पर कायम रहने को मोमिन की पहचान बताई गई है. इस्लाम चाहता है कि उसे मानने वाला हर सख्स जबान का पक्का होना चाहिए, अपने अहद पर कायम रहे. कोई भी शख्स मोमिन को झूठा न कह सके. इसलिए हर मोमिन की ये जिम्मेदारी है कि वह दूसरों से किया हुआ अपना वादा हर हाल में निभाए. 

वादाखिलाफ समाज का वजूद नहीं
इस्लाम कहता है कि जिस समाज में वादा निभाने की जिम्मेदारी नहीं होती है उसकी कोई बुनियाद नहीं होती है. उस समाज के वजूद की कोई गारंटी नहीं दी जा सकती. वह समाज जल्द ही मिट जाने वाला है. यह भी कहा जाता है कि जो समाज वादा पूरा न करके अपना यकीन खो देता है, वह अपनी इज्जत भी खो देता है.

वादे की अहमियत
इस्लाम में कहा गया है कि दुनिया में इंसान बहुत सी चीजों की ख्वाहिश करता है, लेकिन वह कई दिक्कतों की वजह से पूरी नहीं हो पाती है. ऐसे में इंसान अपनी जंदगी में लोगों से लेन देन का मोहताज होता है. ऐसे में इंसान को वादा करने की नौबत आती है. वादा करने वाले पर दूसरा शख्स भरोसा करता है. कई बार इंसान दूसरों के वादे पर अपने कई मामले तय कर लेता है ऐस में इस्लाम में वादे की बहुत अहमियत है. 

कुरान में वादा
इसीलिए इस्लाम में वादा पूरा करने का हुक्म दिया गया है. वादा न पूरा करने की आलोचना की गई है. वादा पूरा करने पर अल्लाह ने कुरान में कहा है कि "अहद पूरा करो, क्योंकि कयामत के दिन अहद के बारे में इंसान जवाबदे होगा." (कुरान: सूरह- बनी इस्राईल)

वादे पर हदीस
प्रोफेट मोहम्मद स. ने भी अपनी तालीम में वादे की बड़ी अहमियत बताई है. प्रोफेट मोहम्मद स. ने फरमाया है कि "जिस में तीन बातें पाई जाती हों वह मुनाफिक है, जब बात करे तो झूठ बोले, वादा करे तो वादा खिलाफी करे, अगर अमानत रखी जाती है तो ख्यानत करे." (हदीस: सहीह, बुखारी)

Trending news