Manipur Violence: मणिपुर में जातीय हिंसा 3 मई चल रही है. इस हिंसा में लगभग 160 लोगों की मौत हो गई है. इस हिंसा को लेकर मणिपुर पुलिस और असम रायफल्स आमने-सामने आ गई है. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे स्कॉल करें.
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Manipur Violence: मणिपुर हिंसा को लेकर संसद के दोनों सदनों में चर्चा हो रही है. इस हिंसा को लेकर सता पक्ष और विपक्ष में जुबानी जंग चल रही है. मणिपुर हिंसा को लेकर असम रायफल्स और स्थानीय पुलिस के बीच बहस छीड़ी हुई है. मणिपुर पुलिस ने असम रायफल्स पर गंभीर आरोप लगाते हुए 'मुकदमा' दर्ज की है. हालात की गंभीरता को देखते हुए भारतीय सेना ने अपना बयान जारी किया है.
क्या है पूरा मामला
मणिपुर में जातीय हिंसा 3 मई चल रही है. इस हिंसा को रोकने में राज्य पुलिस नाकाम साबित हुई़ है. मणिपुर हिंसा रोकने के लिए स्थानीय पुलिस के अलावा सेना और असम रायफल्स को हिंसा ग्रस्त इलाकों में तैनात किया गया है. पिछले हप्ते मणिपुर पुलिस ने असम रायफल्स पर एक मुकदमा दर्ज की है. मणिपुर पुलिस ने असम रायफल्स पर आरोप लगाया, "दो गुटों में हिंसा हो रहा था. उस समय असम रायफल्स ने स्थानीय पुलिस का रास्ता रोका और उनके काम में खलल पैदा किया." इस FIR पर असम पुलिस का कहा, "हम कुकी और मैइती इलाकों में जारी हिंसा में बफर जोन बनाने के आदेश का पालन कर रहे थे."
हालांकि मणिपुर पुलिस और असम रायफल्स की लड़ाई अब राजनीतिक रूप ले चुकी है. मणिपुर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने पीएम मोदी से अपील की, "राज्य में असम रायफल्स की जगह किसी और सुरक्षाबल की यूनिट को तैनात किया जाए. ताकि हालात सुधर सकें. बीजेपी यूनिट ने लिखा है कि राज्य में पहले दिन से ही असम रायफल्स के काम करने के तरीके पर सवाल खड़े हुए हैं और वह शांति स्थापित करने में फेल साबित हुई है. ऐसे में जरूरत है कि असम रायफल्स को यहां की जिम्मेदारी से मुक्त किया जाए."
सेना ने जारी किया बयान
भारतीय सेना ने बयान जारी कर कहा, "वह असम रायफल्स के साथ मिलकर मणिपुर में शांति स्थापित करने की कोशिशें करती रहेगी. सेना ने कहा कि यहां पर असम रायफल्स की छवि बिगाड़ने की कोशिशें की हुई हैं. जबकि असम रायफल्स ग्राउंड लेवल पर उतर हिंसा से प्रभावित इस क्षेत्र में हालात सामान्य करने में जुटी हुई है. कुछ उपद्रवियों द्वारा लगातार असम रायफल्स की छवि बिगाड़ने की नाकाम कोशिशें की गई हैं. ये कोशिश बार-बार की जा रही है जो तथ्यों के बिल्कुल उलट है. यह समझना चाहिए कि इलाके की जटिलता की वजह से ऐसा मौका आता है जब ग्राउंड लेवल पर आपके मतभेद होते हैं. लेकिन इनको समय-समय पर हल कर लिया जाता है."
Army Statement
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