कर्नाटक में ओवैसी की पार्टी उतारेगी 25 उम्मीदवार; इस पार्टी से हो सकता है गठबंधन
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कर्नाटक में ओवैसी की पार्टी उतारेगी 25 उम्मीदवार; इस पार्टी से हो सकता है गठबंधन

led AIMIM to field 25 candidates in Karnataka polls keen on alliance with JDS : कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पार्टी की राज्य इकाई के सद्र उस्मान गनी ने मंगलवार को बताया है कि उनकी पार्टी का जनता दल सिक्यूलर से गठबंधन हो सकता है, इस मुद्दे पर दोनों पार्टी नेताओं के बीच बातचीत चल 

अुसद्दुन ओवैसी

बेंगलुरु: अुसद्दुन ओवैसी के नेतृत्व वाली पार्टी एआईएमआईएम ने कर्नाटक चुनाव में 25 उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है. इसके साथ ही पार्टी जनता दल के साथ चुनावी गठबंधन भी करने पर विचार कर रही है. कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पार्टी की राज्य इकाई के सद्र उस्मान गनी ने मंगलवार को यह जानकारी दी है. गनी ने बताया कि पार्टी प्रमुख ओवैसी ने कहा है कि अब तक, हमने तीन उम्मीदवारों की घोषणा की है. हमने गठबंधन के लिए अपने दरवाजे खुले रखे हैं. हम निश्चित रूप से चुनाव लड़ेंगे. 

राज्य इकाई के प्रमुख गनी ने कहा कि पार्टी गठबंधन के लिए पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के नेतृत्व वाले जद (एस) के साथ बातचीत कर रही है, लेकिन अभी इस प्रस्ताव का जवाब आना बाकी है. उन्होंने कहा कि पार्टी राज्य में करीब 25 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

कर्नाटक में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 2018 के चुनावों में, एआईएमआईएम ने जद (एस) का समर्थन किया था और कोई उम्मीदवार नहीं खड़ा किया था. उन पार्टियों के बारे में पूछे जाने पर जिनके साथ एआईएमआईएम गठबंधन के लिए तैयार है, हैदराबाद से लोकसभा सदस्य ओवैसी ने कहा कि हम कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करना चाहते हैं, क्योंकि वे मेरे खिलाफ बेबुनियाद और निराधार इल्जाम लगाते हैं. 

ओवैसी ने बसवराज बोम्मई सरकार के ओबीसी श्रेणी के भीतर मुसलमानों के लिए चार फीसदी आरक्षण को खत्म करने के हालिया फैसले को “पूरी तरह से गैर कानूनी“ करार दिया और नाराजगी व्यक्त की है. इस मसले पर उन्होंगे कांग्रेस से सवाल किया है कि उसने विरोध क्यों नहीं किया? तथाकथित धर्मनिरपेक्ष नेताओं और दलों की तरफ से बयान क्यों नहीं आए?“  कुछ दलों द्वारा बार-बार एआईएमआईएम के उम्मीदवारों को मुस्लिम वोटों के “विभाजन“ का कारण बताने पर ओवैसी से आश्चर्य जताते हुए पूछा है कि कांग्रेस या कोई और दल लिंगायत, वोक्कालिगा और कुरुबा जैसे अन्य समुदायों के नेताओं से ऐसा सवाल क्यों नहीं पूछती है ? 

उन्होंने यह भी याद दिलाया कि एआईएमआईएम ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कर्नाटक में अपने उम्मीदवार नहीं उतारे थे, जहां कांग्रेस को केवल एक सीट मिली थी. क्या यह मुस्लिम वोटों के विभाजन या भाजपा के लिए ’बहुसंख्यक’ वोटों के धु्रवीकररण के कारण था?"  एआईएमआईएम नेता ने कहा कि भाजपा ने 2019 में कांग्रेस के दलबदलुओं की मदद से कर्नाटक में सरकार बनाई थी.

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