Padma Shri Award: अहमद हुसैन और मोहम्मद हुसैन की कला का सरकार ने किया सम्मान; इस राज्य का बढ़ाया गौरव
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Padma Shri Award: अहमद हुसैन और मोहम्मद हुसैन की कला का सरकार ने किया सम्मान; इस राज्य का बढ़ाया गौरव

Padma Shri Award 2023: राजस्थान की रिवायत और कला को सिर्फ़ देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफ़ी शोहरत हासिल है. इसी रिवायत को बरक़रार रखते हुए राजस्थान के 2 कलाकारों अहमद हुसैन और मोहम्मद हुसैन को केंद्र सरकार ने पद्मश्री से पुरस्कृत करने का फैसला किया है. 

Padma Shri Award: अहमद हुसैन और मोहम्मद हुसैन की कला का सरकार ने किया सम्मान; इस राज्य का बढ़ाया गौरव

Padma Shri Award 2023: राजस्थान की रिवायत और कला को सिर्फ़ देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफ़ी शोहरत हासिल है. इसी रिवायत को बरक़रार रखते हुए राजस्थान के 2 कलाकारों अहमद हुसैन और मोहम्मद हुसैन को केंद्र सरकार ने पद्मश्री से पुरस्कृत करने का फैसला किया है. राजस्थान के यह दो कलाकार जयपुर के ग़ज़ल सिंगर हैं. यह दोनों भाई हैं जो शास्त्रीय ग़ज़ल गाते हैं. उस्ताद अहमद हुसैन का जन्म 3 फरवरी 1951 को हुआ था जबकि उस्ताद मोहम्मद हुसैन का जन्म 2 दिसंबर 1953 में हुआ. राजस्थान के मशहूर ग़ज़ल और ठुमरी सिंगर उस्ताद अफ़ज़ल हुसैन के यहां इन दोनों का जन्म हुआ. 

कलाकारों ने अदा किया शुक्रिया
पुरस्कार का ऐलान होने के बाद अहमद हुसैन ने कहा कि "दुनिया भर के गजल प्रेमियों द्वारा हम पर बरसाए गए प्यार पर हमें गर्व है, वहीं मोहम्मद हुसैन ने कहा, हम इस सम्मान का श्रेय सभी भारतीय शास्त्रीय संगीत प्रेमियों को देना चाहते हैं, जिन्होंने वर्षों तक हमारे काम को सराहा. दोनों भाईयों की यह जोड़ी भारतीय शास्त्रीय संगीत और भजन के साथ-साथ ग़ज़ल गायकी में भी लोगों के दिल पर राज कर रही है. सिंगर के तौर पर उन्होंने अपना करियर जयपुर घराने के शास्त्रीय और ठुमरी कलाकारों के तौर पर शुरू किया था. उनका पहला एल्बम गुलदस्ता 1980 में रिलीज़ हुआ था जोकि काफी कामयाब रहा.

दोनों भाईयों की जोड़ी है मशहूर
ग़ज़ल की दुनिया में उस्ताद अहमद और मोहम्मद हुसैन का नाम बेहद मशहूर है. दोनों भाईयों की जोड़ी जब एक एक साथ ग़ज़ल गाती है तो एक ख़ास तरह का समां बंध जाता हैं. इससे पहले भी इन्हें कई पुरस्कार दिए जा चुके हैं. साल 2003 में  मिले पुरस्कार में 50,000, एक प्रशस्ति पत्र, एक अंगवस्त्रम शॉल और ताम्रपत्र से नवाज़ा जा चुका है. संगीत, नृत्य, रंगमंच और कठपुतली की कैटेगरी में और प्रदर्शन कलाओं में अहम योगदान,छात्रवृत्ति के लिए दिए जाते हैं. अब आर्ट की कैटेगरी में दोनों भाइयों को केंद्र सरकार ने पद्मश्री देने का फैसला किया. जिससे एक बार फिर दोनों ने राजस्थान का गौरव बढ़ा दिया है.

 

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