Pravasi Bharatiya Divas: हर साल 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि आज ही दिन साल 1915 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी दक्षिण अफ़्रीका से भारत लौटे थे. और फिर भारत की आज़ादी के लिए आंदोलन शुरू किया. ऐसे में आपके लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि आखिर सरकार प्रवासी भारतीय दिवस को इतनी अहमियत क्यों देती है और प्रवासियों का हमारे देश के विकास में क्या योगदान है.
Trending Photos
Pravasi Bharatiya Divas: प्रवासी भारतीय उन लोगों को कहा जाता है जो भारत छोड़कर पैसे कमाने या पढ़ाई के लिए विदेश जाते हैं और फिर वहीं बस जाते हैं. आम तौर पर हम उनलोगों को NRI यानी नॉन रेजिडेंट इंडियन के नाम से जानते हैं. लेकिन सभी भारतीय प्रवासियों को हम NRI नहीं कह सकते हैं. सरकार ने प्रवासी भारतीयों को तीन भागों में बांटा है.
NRI, PIO और OCI में क्या अंतर है?
NRI ऐसे इंडियन्स को कहा जाता है जो भारत से बाहर पढ़ाई करने या नौकरी करने जाते हैं और फिर वहीं बस जाते हैं. इसके आलावा बात अगर PIO यानी पर्सन ऑफ इंडियन ओरिजिन की करें तो PIO ऐसे इंडियंस को कहा जाता है जिनका जन्म भारत में हुआ हो या फिर उनके परिवार में से किसी का भारत से कोई रिश्ता हो. वहीं इन दोनों के अलावा बात अगर OCI यानी ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया की करें तो इनमें वह लोग शामिल हैं जो 26 जनवरी 1950 को या उसके बाद भारत के नागरिक रहे लेकिन अब विदेश में बस गए हैं.
प्रवासी भारतीय विदेशों में रहकर भारत के विकास में कैसे मदद पहुंचाते हैं?
विदेशों में रह रहे तमाम प्रवासी भारतीय पूरी दुनिया में भारत का नाम रौशन करने के साथ-साथ विदेशी मुद्रा भेजने का सबसे बड़ा जरिया हैं. भारत में सबसे ज्यादा विदेशी मुद्रा इन्हीं प्रवासी भारतीयों से आता है. इसके आलावा मैक्सिको और चीन से हमारे पास विदेशी मुद्रा आता है. साल 2022 में भारतीय प्रवासियों ने करीब 100 अरब डालर विदेशी मुद्रा भारत में भेजे थे. इसलिए सरकार हर साल 09 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाकर उनके इस योगदान को सराहती है.
पूरी दुनिया में तीन करोड़ भारतीय रहते हैं:
एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में करीब 3 करोड़ भारतीय रहते हैं. इस रिपोर्ट की माने तो सबसे ज्यादा भारतीय अमेरिका में रहते हैं, इसके अलावा मलेशिया, साउदी अरब, म्यांमार, यूएई और कनाडा में भी काफी संख्या में भारतीय मौजूद हैं.
500 से ज्यादा कंपनियों के CEO भारतीय:
एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में 500 से ज्यादा कंपनियों के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) भारतीय मूल के हैं, जिनमें सबसे पहला नाम सुंदर पिचाई का आता है, जो गूगल के CEO हैं. इसके अलावा सत्या नडेला माइक्रोसॉफ्ट के CEO, अरविंद कृष्णा आईबीएम के, और अजयपाल सिंह मास्टरकार्ड के CEO हैं.