Ministry Of External Affairs: भारत ने सऊदी अरब और ईरान के रिश्तों के बीत खटास कम होने पर और दोनों के संबंध ठीक होने का स्वागत किया किया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत हमेशा मतभेदों का समाधान बातचीत, कूटनीति से करने की वकालत करता रहा है.
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India on Saudi Iran: सऊदी अरब और ईरान के बीच नए रिश्तों की शुरूआत का भारत ने स्वागत किया है. चीन की मध्यस्थता में प्रतिद्वन्द्वी सऊदी अरब और ईरान के बीच कूटनीतिक संबंध बहाल करने पर रज़ामंदी के कुछ ही दिन बाद भारत ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि उसने हमेशा बातचीत और डिप्लोमेसी के ज़रिए से मतभेदों को हल करने की वकालत की है. ईरान और सऊदी अरब के दरमियान सात साल के तनाव के बाद पिछले शुक्रवार को राजनयिक रिश्ते बहाल हुए हैं. इस दौरान दोनों मुल्क अपने-अपने दूतावासों को फिर से खोलने पर सहमत हो गए.
सऊदी अरब और ईरान के समझौते को लेकर चीन ने मध्यस्थता की थी. इस बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हमने इस मामले में ख़बरें देखी हैं. भारत के वेस्ट एशिया में विभिन्न देशों के साथ अच्छे रिश्ते हैं. हमारे इस क्षेत्र के साथ गहरे संबंध निहित हैं". उन्होंने चीन की भूमिका का ज़िक्र किये बग़ैर कहा कि " भारत ने मतभेदों को सुलझाने में हमेशा बातचीत और कूटनीति की वकालत की है.
ग़ौरतलब है कि भारत के ईरान और सऊदी अरब के साथ अच्छे रिलेशन हैं. अगले दौर की हिन्द-चीन फौजी वार्ता के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि पिछली कूटनीतिक बातचीत में दोनों पक्षों ने जल्द किसी तारीख़ को कार्प्स कमांडर सतह की वार्ता आयोजित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की थी
बता दें कि सऊदी अरब और ईरान के राजनयिक संबंध बेहतर होने की राह पर हैं. पिछले हफ्ते ही दोनों देशों ने कूटनीतिक रिश्तों को फिर से बहाल करने और दूतावासों को खोलने पर रज़ामंदी ज़ाहिर की. दोनों देशों ने बीजिंग में मीटिंग की थी जिसके बाद इस समझौते का ऐलान किया गया और अब भारत ने सऊदी अरब और ईरान की ओर से दोस्ती का हाथ बढ़ाए जाने का स्वागत किया है.
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