हरीश रावत ने दिया राजनीति से संन्यास का संकेत, सोशल मीडिया में इशारों में कही बड़ी बात
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हरीश रावत ने दिया राजनीति से संन्यास का संकेत, सोशल मीडिया में इशारों में कही बड़ी बात

उत्तराखंड की सियासत में एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर तरह-तरह के राजनीतिक कयास लगाए जा रहे हैं. यह पोस्ट राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत ने लिखा है. इसमें उन्होंने इशारों-इशारों में कई बड़ी बातें कही हैं.

हरीश रावत ने दिया राजनीति से संन्यास का संकेत, सोशल मीडिया में इशारों में कही बड़ी बात

देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सक्रिय राजनीति में ब्रेक लेने का ऐलान किया है. हरीश रावत ने सोशल मीडिया में एक पोस्ट लिखा है जिसमें उन्होंने इस बात का जिक्र किया है कि 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को सफलता नहीं मिली. इसके लिए उन्होंने भाजपा और संघ निशाना साधा है. उन्होंने उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में विधानसभा और सचिवालय भवन बनाने का भी जिक्र किया है. उनका कहना है कि कांग्रेस पार्टी के संगठन की बागडोर चाहे जिसके हाथ में हो, अब उसे अपने रास्ते पर चलना चाहिए. आखिर में उन्होंने अपने पोस्ट में कहा है कि पार्टी के लिए हमेशा उपलब्ध रहेंगे.

इशारों में दिया बड़ा बयान
हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर जारी अपनी पोस्ट में कहा कि अब थोड़ा विश्राम अच्छा है. उन्होंने कहा कि कोई भी अस्त्र आधे-अधूरे प्रयासों से निर्णायक असर पैदा नहीं करता. मैं पार्टी को इस अस्त्र के साथ खड़ा नहीं कर पाया. यह मेरी विफलता थी. उन्होंने पोस्ट में बताया है कि वह आशीर्वाद मांगने भगवान बद्रीनाथ के पास गए. भगवान के दरबार में मेरे मन ने मुझसे स्पष्ट कहा कि आप उत्तराखंड के प्रति अपना कर्तव्य पूरा कर चुके हो.  

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भारत जोड़ो यात्रा के हुए मुरीद
आगे उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा की प्रशंसा भी की है. हालांकि उन्होंने आगे लिखा है कि भारत जोड़ो यात्रा के एक महीने बाद वह देश की राजनीतिक परिस्थिति का आकलन करने के बाद भविष्य की रणनीति तय करेंगे. अपने स्पष्ट बयानों के लिए पहचाने जाने वाले हरीश रावत ने पोस्ट में यह भी लिखा है कि बहुत अधिक सक्रियता ईर्ष्या और अनावश्यक प्रतिद्वंदिता पैदा करती है. अब मेरा मन कह रहा है कि जिनके हाथों में बागडोर है, उन्हें ही रास्ता बनाने दो. वह अपने घर, गांव और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए हमेशा उपलब्ध रहेंगे. पार्टी की सेवा के लिए दिल्ली में एक छोटे से उत्तराखंडी बाहुल्य क्षेत्र में भी मैं सेवाएं दूंगा. पोस्ट के अंत में उन्होंने कहा है कि पार्टी जब भी बुलाएगी, वह उत्तराखंड में भी सेवाएं देने को उत्सुक बने रहेंगे.

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