Ravi Pradosh Vrat 2024: 20 या 21 कब है अप्रैल का आखिरी प्रदोष व्रत? नोट कर लें सही डेट और पूजा का शुभ मुहूर्त
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Ravi Pradosh Vrat 2024: 20 या 21 कब है अप्रैल का आखिरी प्रदोष व्रत? नोट कर लें सही डेट और पूजा का शुभ मुहूर्त

April Pradosh Vrat 2024 Date: वैदिक पंचांग के अनुसार चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 20 अप्रैल को रात 10 बजकर 48 मिनट से होगी और इसका समापन 21 अप्रैल की मध्य रात्रि 12 बजकर 39 मिनट पर होगा. इस के चलते 21 अप्रैल को ही प्रदोष व्रत रखा जाएगा.

Ravi Pradosh Vrat 2024: 20 या 21 कब है अप्रैल का आखिरी प्रदोष व्रत? नोट कर लें सही डेट और पूजा का शुभ मुहूर्त

Pradosh Vrat 2024: भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि धन-दौलात का आशीर्वाद मिलता है. भगवान शिव की पूजा करने के लिए सोमवार का दिन समर्पित होता है. इसके अलावा भगवान शिव को कई पर्व और तिथि समर्पित होते हैं. इन्ही में से हैं प्रदोष व्रत. महीने में दो बार प्रदोष व्रत होता है, एक कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष. अप्रैल महीने का पहला प्रदोष व्रत को बीत चुका है. आज हम आपको बताएंगे कि अप्रैल का दूसरा प्रदोष व्रत कब है, क्या है पूजा का मुहूर्त.

 

कब है अप्रैल का दूसरा प्रदोष व्रत?
वैदिक पंचांग के अनुसार चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 20 अप्रैल को रात 10 बजकर 48 मिनट से होगी और इसका समापन 21 अप्रैल की मध्य रात्रि 12 बजकर 39 मिनट पर होगा. इस के चलते 21 अप्रैल को ही प्रदोष व्रत रखा जाएगा. ये प्रदोष व्रत रविवार के दिन पड़ रहा है इसलिए ये रवि प्रदोष व्रत कहलाया जाएगा.

 

पूजा का शुभ मुहूर्त
प्रदोष व्रत पर भगवान शिव की पूजा करने का विधान है. इस दिन प्रदोष काल में ही पूजा की जाती है. 21 अप्रैल को शिव पूजा करने का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 51 मिनट से शुरू हो कर रात 9 बजकर 2 मिनट तक है. 

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रवि प्रदोष व्रत का महत्व
जो भी व्यक्ति रवि प्रदोष व्रत रखता है उसको लंबी उम्र का वरदान मिलता है. इसके अलावा शादीशुदा जीवन की समस्याएं दूर हो जाती हैं. साथ ही भगवान शिव निरोग और स्वस्थ शरीर का आशीर्वाद भी देते हैं. पुराणों के अनुसार रवि प्रदोष व्रत करने वाले व्यक्ति संकटों से दूर रहता है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है.

 

बन रहे शुभ संयोग
21 अप्रैल को रवि प्रदोष व्रत रखा जाएगा. ज्योतिष गणना के अनुसार इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और अमृत सिद्धि योग बनेंगे. कहा जाता है कि सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए कार्यों में सफलता की प्राप्ति होती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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