ओटीटी के चलते सिनेमा पर पड़े प्रभाव को लेकर क्या बोले Manoj Bajpayee? फीस को लेकर भी खोले राज

Manoj Bajpayee: मनोज बाजपेयी आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. एक्टर ने एक से बड़कर एक फिल्मों और सीरीज में काम किया है. हाल ही में एक्टर ने अपनी 100 वीं फिल्म 'भैया जी' को लेकर और ओटीटी के थिएटर्स में पड़े असर को लेकर अपने विचार व्यक्त किए हैं.  

Written by - IANS | Last Updated : May 19, 2024, 09:37 PM IST
    • ओटीटी के चलते सिनेमा पर पड़ा असर
    • बैंक अकाउंट से ज्यादा किरदारों में दिलचस्पी
ओटीटी के चलते सिनेमा पर पड़े प्रभाव को लेकर क्या बोले Manoj Bajpayee? फीस को लेकर भी खोले राज

नई दिल्ली: Manoj Bajpayee: एक्टर मनोज बाजपेयी ने 1994 में 'द्रोह काल' से अपनी शुरुआत के बाद एक लंबा सफर तय किया है. तीन दशकों के करियर में, एक्टर ने अलग-अलग किरदार निभाए हैं. अपनी 100 वीं फिल्म 'भैया जी' के साथ, एक्टर ने आईएएनएस के साथ एक इंटरव्यू में एक्टिंग के प्रति अपने पैशन को बनाए रखने के पीछे का सीक्रेट शेयर किया. 'भैया जी' में वह देसी एक्शन हीरो की भूमिका में नजर आ रहे हैं.

'भैया जी' मेरी 100वीं फिल्म होगी.' 

100वीं फिल्म में एक जबरदस्त एक्शन हीरो की भूमिका को निभाने के फैसले के बारे में जब उनसे पूछा गया, तो उन्होंने कहा, 'मैंने कभी नहीं गिना कि मैंने कितने प्रोजेक्ट किए हैं. हुआ यूं कि फिल्म के डायरेक्टर अपूर्व सिंह कार्की को इंटरनेट से पता चला कि 'भैया जी' मेरी 100वीं फिल्म होगी.' जिसके बाद एक्टर फिल्म के को-प्रोड्यूसर बने.

शहरों या गांवों की समस्याएं जुड़ाव

'सिर्फ एक बंदा काफी है' के बाद मनोज की यह अपूर्व के साथ दूसरी फिल्म है. इस बारे में बात करते हुए कि एक अभिनेता-निर्देशक जोड़ी के रूप में क्या चीज उन्हें जोड़ती है, मनोज ने आईएएनएस से कहा, 'हम दोनों छोटे शहरों से आते हैं. इसलिए, हम दोनों छोटे शहरों या गांवों की छोटी-छोटी समस्याएं और बातें जानते हैं. मुझे उनमें वह सादगी पसंद है, जो वह सामने लाते हैं और वह स्पष्टता जिसके साथ वह अपनी फिल्मों का निर्देशन करते हैं.'

ओटीटी के चलते सिनेमा पर पड़ा असर

मनोज ने कहा कि उन्हें लगता है कि ओटीटी के चलते सिनेमा पर बुरा असर पड़ा है, क्योंकि ओटीटी ने दर्शकों को मनोरंजन के लिए अपने घरों से बाहर नहीं निकलने के लिए तैयार कर दिया है, जिससे सिनेमा में दर्शकों की संख्या प्रभावित हुई है. एक्टर ने आगे कहा, 'जब दुनिया भर में लॉकडाउन था, तो मनोरंजन का एकमात्र साधन ओटीटी ही था. लगभग 1-2 सालों तक ओटीटी ने मनोरंजन पर राज किया और जब धीरे-धीरे थिएटर खुले, तो इन एक या दो सालों में कंडीशनिंग के चलते लोगों की सिनेमा हॉल जाने की आदत छूट गई.

 रणनीतिक और रचनात्मक

लेकिन, धीरे-धीरे, चीजें बेहतर हो रही हैं, और हम एक ऐसी जगह पर पहुंच रहे हैं, जहां सिनेमाघर दर्शकों की संख्या के मामले में कोविड के समय से पहले के स्तर पर पहुंच रहे हैं.' उन्होंने बताया कि वो सब अभी भी वहां पूरी तरह से नहीं पहुंचे हैं, कोशिशों को बढ़ाना होगा, और उन्हें सम्मोहक कहानियां पेश करने के लिए कलाकारों के रूप में रणनीतिक और रचनात्मक रूप से सोचने की जरूरत है.'

बैंक अकाउंट से ज्यादा किरदारों में दिलचस्पी 

मनोज ने आईएएनएस से बात करते हुए आगे कहा, 'मुझे हमेशा अपने बैंक अकाउंट की तुलना में मेरे द्वारा निभाए जाने वाले किरदारों की कहानी में ज्यादा दिलचस्पी रही है. मैं व्यक्तिगत रूप से महसूस करता हूं कि अगर आप चाहते हैं कि आपका पैशन जिंदा रहे, तो आपको किसी और चीज के बारे में चिंता करने के बजाय लगातार अपनी कला को निखारना होगा.' भानुशाली स्टूडियोज लिमिटेड, एसएसओ प्रोडक्शंस और ऑरेगा स्टूडियोज द्वारा निर्मित 'भैया जी' 24 मई को रिलीज होगी.

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