वर्क प्लेस पर फ्रस्टेशन का सबसे बड़ी वजह काम के साथ इमोशन्स को जोड़ना.
लेकिन कहते हैं कि गधा ऐसा नहीं करता है. गधा बस अपना काम अच्छे से करता है, जिसके बाद फल पाता है. इसलिए कहा जाता है कि इमोशन्स और वर्क को अलग रखना चाहिए.
प्राइवेट और प्रोफेशनल जिंदगी में सब्र रखना जरूर है.
ऐसे ही गधे पर जब सामान लादा जाता है और वह समान को अपने स्थान पर पहुंचाता है. तो उसकी चाल में धैर्य होता है.
उसी तरह इंसान अगर सब्र रखना जाए, तो वह गलत फैसले लेने से बच सकता है.
गधा हमेशा मस्ती में मस्त रहता है, जो इंसान का सबसे बड़ा सुख है.
इंसान पर दुख और नकारात्मक भावनाएं, ये तब ज्यादा हावी होती हैं, जब इंसान की खुशी दूसरों पर निर्भर होती है.
ऐसे में सबसे ज्यादा इंसान के खुशी के लिए हमेशा अपने आप पर निर्भर रहना चाहिए. इससे जिदंगी में खुशहाली आती है.
आपने गधे को लोगों के ज्यादा करीब खड़े नहीं देखा होगा. ये ऐसा जानवर है, जो सबके बीच में रहते हुए भी दूरी बनाए रखता है. इसी तरह इंसान को पर्सनल स्पेस बनाए रखना चाहिए.
गधा सिर्फ काम की बातों पर ध्यान रखता है. इसी तरह सबको करना चाहिए. इसी तरह इंसान को फालतू की बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए.