गया में स्थित मंगला गौरी मंदिर भारत के 18 शक्तिपीठों में से एक है. ऐसी मान्यता है कि जब महादेव देवी सती के भस्म शरीर के अंगों को लेकर भ्रमण कर रहे थे, तब उनमें से एक अंग गया में गिर गया था. तब से इस स्थान को स्तनों के रूप में भी पूजा जाता है.
बिहार की राजधानी में स्थित पटना देवी मंदिर को मां पटनेश्वरी मंदिर भी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र से कटी हुई देवी सीता की दाहिनी जांघ यहीं पर गिरी थी.
भारत और नेपाल के सीमा पर स्थित मिथिला शक्तिपीठ मंदिर 52 पौराणिक शक्तिपीठों में से एक है. मान्यता है कि देवी सीता का बायां कंधा यहीं पर गिरा था.
बिहार के नालंदा जिले के पावापुरी में स्थित जल मंदिर जैन समुदाय में काफी प्रसिद्ध और अहम मंदिरों में से एक है. मान्यता है कि भगवान महावीर को यहां मोक्ष की प्राप्ति हुई थी. मंदिर में भगवान महावीर के चरण पादुका भी रखे है
बिहार की राजधानी पटना में स्थित श्री पटना साहिब मंदिर बिहार के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. यह मंदिर सिखों की आस्था से जुड़ा एक प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल है. यहीं पर सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह का जन्म हुआ था.
बोधगया में स्थित महाबोधि मंदिर बिहार के सबसे मशहूर मंदिरों में से एक है. इसी स्थान पर महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. इसलिए इसे आत्मज्ञान की भूमि भी कहते है.
लखीसराय जिले में स्थित अशोकधाम मंदिर को इन्द्रदमनेश्वर महादेव मंदिर से भी जाना जाता है. यहां हर साल लाखों की संख्या में शिव भक्त गंगा नदी में स्नान करने के बाद महादेव के दर्शन हेतु आते है.
बिहार के सीतामढ़ी जिले में स्थित जानकी मंदिर काफी ही प्रसिद्ध मंदिर है. यह माता सीता की जन्मस्थली है और जानकी मंदिर लगभग 100 साल पुराना है.
बिहार के गया में स्थित विष्णुपद मंदिर हिंदू श्रद्धालुओं के जीवन में बहुत अहम स्थान रखता है. यहां पर भगवान विष्णु के चरण के धाप की पूजा की जाती है. पितृ पक्ष के दौरान यहां देश-विदेश से लोग आकर दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए पिंडदान करते है.
राजधानी पटना में स्थित महावीर मंदिर न केवल देश बल्कि विदेशों में भी विख्यात है. यह मंदिर पटना जंक्शन से महज 100 मीटर की दूरी पर स्थित है.