बिहार में गर्मी ने अपना प्रचंड रूप दिखाना शुरू कर दिया है. हर किसी का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. जिसके चलते मौसम विभाग भी मौसम को लेकर रेड, येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी कर रहा है.
लेकिन क्या आप जानते है कि रेड, येलो और ऑरेंज अलर्ट कब लगाया जाता है. दरअसल, ये तीनों अलर्ट अलग-अलग स्थिति में जारी किए जाते है और इनके अलग-अलग मायने होते है.
मौसम विभाग मौसम की जानकारी देते वक्त येलो अलर्ट की चेतावनी देता है. इस अलर्ट के जरिए लोगों को सतर्क करना होता है. येलो अलर्ट का मतलब होता है कि अभी जो स्थिति है उसमें खतरा नहीं है, लेकिन खतरनाक स्थिति कभी भी सामने आ सकती है.
येलो अलर्ट के जरिए बताया जाता है कि यदि स्थिति बिगड़ती है तो उसके लिए तैयार रहना है. इसका मकसद लोगों को सतर्क करना होता है.
ऑरेंज अलर्ट मौसम खराब हो जाने पर जारी किया जाता है. इस अलर्ट के जारी होने के बाद आपको बाहर जाने से बचना है और ज्यादा से ज्यादा सावधानी बरतनी है.
ऑरेंज अलर्ट का मतलब है कि आपको प्रिपेयर्ड रहना है. जैसे ही मौसम खराब होता है वैसे ही येलो अलर्ट हटा कर उसे ऑरेंज अलर्ट कर दिया जाता है.
रेड अलर्ट मौसम विभाग तब जारी करता है जब स्थिति ज्यादा खराब हो जाती है और नुकसान होने की संभावना होती है. ये अलर्ट मौसम की खतरनाक स्थिति का संकेत होता है.
रेड अलर्ट जारी होने के बाद लोगों को सचेत हो जाना चाहिए. अपनी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए नियमों का पालन करना चाहिए. बेहद गंभीर स्थिति में रेड अलर्ट जारी किया जाता है.