तुलसी की लकड़ी से बनी माला धारण करने वाले व्यक्ति को सात्विक भोजन करना चाहिए. साथ ही बता दें कि सात्विक भोजन का मतलब प्याज, लहसुन, मांस और मछली आदि का सेवन नहीं करना चाहिए. अगर कोई सात्विक भोजन करता भी हो तो उसे तुलसी की माला का उपयोग नहीं करना चाहिए.

तुलसी की माला धारण करने वाले व्यक्ति को रोजाना जाप करना चाहिए. जो लोग नियम अनुसार तुलसी की माला का जाप करते है तो उनके ऊपर सीधे भागवान विष्णु की कृपा बरसती है.

तुलसी की माला पहनने का भी एक तरीका है. इस माला को पहनने से पहले गंगाजल से धो लें. इसके बाद जब माला सूख जाए तो उसके बाद ङी उसे धारण करें.

तुलसी की माला धार्मिक होने के साथ सेहत के लिए भी बहुत ज्यादा फायदेमंद है. अगर कोई तुलसी की माला का इस्तेमाल करता है तो उसकी राशि में बुध और शुक्र ग्रह मजबूत होता है और मनुष्य का मन शांत रहता है.

तुलसी को भगवान विष्णु ने वरदान दिया था कि वो सदैव सुख समृद्धि प्रदान करने वाली देवी कहलाएंगी. प्रत्येक वर्ष तुलसी और शालिग्राम का विवाह भी होगा.

हिंदू धर्म में तुलसी बहुत ही महत्वपूर्ण है. शास्त्रों की मानें तो तुलसी के पौधे के अंदर मां लक्ष्मी का वास होता है. अगर किसी को अपने घर में सुख और धन की प्राप्ति करनी है तो रोजाना सुबह तुलसी के पौधे को जलार्पण जरूर करें.

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