4 महीने की योगनिद्रा के बाद इस दिन जागेंगे श्रीहरि भगवान विष्णु

K Raj Mishra
Nov 20, 2023

कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी

हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी मनाई जाती है. इस दिन जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु अपनी 4 महीने की योगनिद्रा से जागते हैं.

शुरू हो जाएंगे मांगलिक कार्य

दे‌वशयनी एकादशी से अभी तक भगवान विष्णु सो रहे थे इसलिए मांगलिक कार्यों पर रोक थी. अब भगवान के जागने के बाद से शुभ कार्य शुरू हो जाएंगे.

22 नवंबर की रात 11:03 बजे से 23 नवंबर रात 9:01 बजे तक देवउठनी एकादशी रहेगी. इस दिन लक्ष्मी नारायण की पूजा अर्चना की जाती है.

देवउठनी एकादशी का विशेष महत्व

साल भर कुल 24 एकादशियां आती हैं जिसमें से कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की देवउठनी (देवोत्थान) एकादशी का विशेष महत्व होता है.

भगवान विष्णु होते हैं प्रसन्न

देवउठनी एकादशी भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए भी बेहद उत्तम मानी जाती है. भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु व्रत रखते हैं और श्री हरि की पूजा करते हैं.

शालिग्राम-तुलसी विवाह

देवउठनी एकादशी पर ही रात में शालिग्राम जी और तुलसी माता का विवाह होता है. शास्त्रों के अनुसार तुलसी-शालिग्राम विवाह कराने से पुण्य की प्राप्ति होती है.

ऐसे करें भगवान की पूजा

इस दिन भगवान विष्णु को पीले रंग के फल, फूल और वस्त्र अर्पित करना शुभ होता है. मान्यता है कि इस दिन निर्जला व्रत रखने से मुक्ति प्राप्त होती है और प्राणी को भगवान के धाम में निवास मिलता है.

अच्छे स्वास्थ्य के लिए इस दिन शंख में गाय का दूध डालकर और उसमें गंगाजल मिलाकर अगर भगवान विष्णु को स्नान कराने का उपाय किया जाता है.

तुलसी के पत्ते ना तोड़ें

देवउठनी एकादशी पर इस दिन भूलकर भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए. एकादशी के दिन चावल भी नहीं खाना चाहिए. इस दिन हल्दी, केसर और केले का दान करना चाहिए.

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