Pitra Dosh: परिवार पर कितनी पीढ़ियों तक रहता हैं पितृ दोष, कैसे पाएं मुक्ति?

Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Sep 29, 2024

पितृपक्ष

17 सितंबर से ही इस साल का पितृपक्ष आरंभ है. जो कि 2 अक्टूबर तक चलने वाला है.

आत्मा की शांति

पितृपक्ष के दौरान लोग अपने पूर्वजों को याद करते हैं, उनके मोक्ष और आत्मा की शांति के लिए दान, श्राद्ध और तर्पण करते हैं.

मोक्ष

पितृपक्ष के दौरान दान, श्राद्ध और तर्पण करने से न केवल पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती हैं. बल्कि इससे लोगों को अपने पूर्वजों के आशीर्वाद के साथ उन्हें पितृ दोष से भी मुक्ति मिलता हैं.

पितृ दोष

क्या आप जानते हैं, अगर किसी परिवार पर पितृ दोष है तो वो कितनी पीढ़ियों तक चलता हैं? चलिए हम आपको इसके बारे में बता देते हैं.

पुश्तों

आप ने अक्सर अपने परिवार के बड़े-बुजुर्गों के मुंह से सात पीढ़ियों या पुश्तों वाली बात सुनी होगी, क्या सच में पितृ दोष सात पीढ़ियों तक चलता हैं?

सात पीढ़ी

धार्मिक मान्यता और शास्त्रों के मुताबिक अगर किसी परिवार पर पितृ दोष लगा है, तो वो सात पीढ़ियों तक रहता हैं.

कर्म

पितृ दोष मनुष्य के कर्मों के हिसाब से लगता है, जो वो अपने जीवन काल में करता हैं.

पितृ दोष

जब किसी परिवार पर पितृ दोष लगता है, तब वो एक पीढ़ी तक ही सीमित नहीं रहता है. ये आने वाली पीढ़ियों तक जाता रहता हैं. आने वाली कई पीढ़ियों को इसका प्रभाव झेलना पड़ता हैं.

कष्ट

जिस परिवार पर पितृ दोष लगा होता है, उस परिवार में कई तरह की समस्या आती रहती है. परिवारजनों को अपने जीवन काल में कई तरह के कष्टों को झेलना पड़ता हैं.

समस्या

अगर किसी परिवार के ऊपर पितृ दोष लगा है, तो इससे परिवारजनों के जीवन में कई तरह की समस्या रहती हैं. जैसे- वंश वृद्धि, परिवारजनों के विवाह में अड़चन, आर्थिक तंगी, आदि.

पितृ देव

कहा जाता है कि जिस घर में मांस और शराब का सेवन परिवार के लोग करते हैं, उस घर के पितृ देव नाराज रहते हैं. घर पर पितृ दोष लगता है.

कर्म

मान्यता है कि जिस घर के लोग अच्छे कर्म नहीं करते हैं, उस घर के लोगों से उनके पूर्वज नाराज रहते हैं. परिवार पर पितृ दोष लगता है और परिवारजनों को अपने जीवन में कई तरह का कष्ट भोगना पड़ता है.

उद्धार

कहा जाता है कि जो लोग पितृपक्ष में अपने पूर्वजों का कर्म, श्राद्ध और तर्पण करते हैं. वो इससे अपने तीन पीढ़ियों के पूर्वजों का उद्धार करते हैं.

पितृत्रय

तीन पीढ़ियों के उद्धार के लिए किए जाने वाले श्राद्ध को पितृत्रय कहते है. जिसमें पिता, दादा और परदादा शामिल होते हैं.

पितृपक्ष

जिस भी परिवार के ऊपर उनके पूर्वज नाराज होते हैं और पितृ दोष लगा होता है. उन्हें पितृपक्ष के समय अपने पूर्वजों का श्राद्ध, पिंडदान, तर्पण, दान और ब्राह्मण भोजन जरूर से करना चाहिए.

गुस्सा

इससे पितरों का गुस्सा शांत होता है, उनके आत्मा को शांति मिलने के साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है. साथ ही परिवार के ऊपर से पितृ दोष खत्म होता है.

गीता

पितृपक्ष के समय परिवार के ऊपर से पितृ दोष हटाने और पूर्वजों को मोक्ष दिलाने के लिए आप गीता के सातवें अध्याय का भी पाठ कर सकते हैं.

Disclaimer

यहां प्रस्तुत की गई जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. Zee न्युज इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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