दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु में प्रति व्यक्ति आय 2.73 लाख रुपये है.
देश में महाराष्ट्र को सबसे अमीर समझा जाता है, जहां प्रति व्यक्ति आय 2.42 लाख रुपये है. गुजरात में 2.50 लाख रुपये है.
प्रति व्यक्ति आय की बात करें तो कर्नाटक में यह 3 लाख रुपये, तेलंगाना में 3.08 लाख रुपये, राजस्थान में 1.56 लाख रुपये तो उत्तर प्रदेश में केवल 71 हजार रुपये सालाना है.
प्रति व्यक्ति आय के मामले में गोवा और सिक्किम के बाद तीसरे नंबर पर दिल्ली (3.90 लाख), चौथे नंबर पर चंडीगढ़ (3.50 लाख) है.
गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन में बिहार से नीचे केवल मेघालय 25.46 फीसदी, झारखंड 23.34 फीसदी, उत्तर प्रदेश 17.40 फीसदी और मध्य प्रदेश 15.1 फीसदी वाले राज्य हैं.
केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट बताती है कि गोवा और सिक्किम में 100 में से केवल 0.37 लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन जीते हैं तो बिहार में यह आंकड़ा 25.59 फीसद है.
गोवा और सिक्किम में गरीबी नाम की कोई चीज नहीं नहीं है. एक तरफ ये दोनों राज्य अपनी प्राकृति सुंदरता के लिए प्रसिद्ध हैं तो दूसरी तरफ माता लक्ष्मी की मेहरबानी भी इन पर बरस रही है.
गोवा और सिक्किम की प्रति व्यक्ति आय 4.72 लाख रुपये सालाना है तो बिहार की प्रति व्यक्ति आय मात्र 54,383 रुपये सालाना है. यानी इन दोनों राज्यों से 10 गुने का अंतर है.
हम बात कर रहे हैं गोवा और सिक्किम की. इन दोनों राज्यों पर जहां लक्ष्मी माता की कृपा बरसती है तो बिहार पर हमेशा दरिद्र नारायण अपनी कृपा दृष्टि डाले हुए हैं.
बिहार राज्य की तुलना आज हम महाराष्ट्र और गुजरात से नहीं करने जा रहे. वे दोनों राज्य महाराष्ट्र और गुजरात को भी आईना दिखाने का काम करते हैं.