कुछ लोगों का मानना है कि विवाह जैसी परंपरा की स्थापना श्वेत ऋषि ने की थी. इसलिए मनु और शतरूपा की शादी निति संगत नहीं थी.
हालांकि, कुछ धर्म ग्रंथों में ऐसा माना जाता है कि मनु और शतरूपा ने शादी किया था, लेकिन यह निति संगत नहीं थी.
लिहाजा शास्त्रों अनुसार, इस शादी के बाद मनु और शतरूपा को 7 बेटे और 3 बेटियां हुई थीं.
लिहाजा शास्त्रों में जिक्र मिलता है कि मनु और शतरूपा ही पहले दंपत्ति थे. इसका मतलब ये हुआ कि धरती पर पहली शादी मनु और शतरूपा ने किया था.
ज्योतिष एक्सपर्ट पंडित सुनील मिश्रा के अनुसार, धरती पर दोनों मिले तो सांसारिक और पारिवारिक ज्ञान के लिहाज से एक दूसरे को स्वीकार कर लिया.
ब्रह्म पुराण के अनुसार, ब्रह्मा ने पुरुष का नाम मनु रखा और स्त्री का नाम शतरूपा रखा. ब्रह्मा ने दुनिया का ज्ञान इन्हीं दोनों को प्रदान किया. इसके बाद पृथ्वी पर भेज दिया था.
ब्रह्म पुराण में उल्लेखित है कि ब्रह्मा के शरीर का एक हिस्सा 'का' कहलाया और दूसरा हिस्सा 'या' कहलाया. इसके बाद दोनों मिलकर काया बने. ज्योतिष एक्सपर्ट पंडित सुनील मिश्रा ने बताया कि इसी काया से पुरुष तत्व और स्त्री तत्त्व ने जन्म लिया.
ज्योतिष एक्सपर्ट पंडित सुनील मिश्रा ने बताया कि ब्रह्म पुराण में उल्लेखित है कि दुनिया की रचना के बाद ब्रह्मा ने अपने शरीर के 2 हिस्से कर दिया था. ये हिस्से इंसान की उत्पत्ति के लिए हुए थे.
हिंदू धर्म में शादी एक पवित्र बंधन माना जाता है. हिंदू धर्म में शादी के नियम, रीति-रिवाज, शादी का महत्व और इसकी आवश्यकता को विस्तार बताया जाता है.