बिहार सरकार अब राज्य में फलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए पहल कर रही है. इसके लिए सरकार किसानों को सब्सिडी भी प्रदान कर रही है.
बिहार सरकार अब किसानों की कमाई बढ़ाने के लिए और उनके दिशा में बढ़ते रुझान को देखते हुए आम, केला और नारियल की खेती को बढ़ावा देने का प्रोत्साहन कर रही है.
किसानों को प्रेरित करने के लिए उद्यान विभाग लगातार पहल कर रहा है. इस साल उद्यान विभाग का अधिक ध्यान आम, केला और नारियल की खेती पर है.
विभाग का लक्ष्य है कि दरभंगा जिले के किसानों को केला, आम और नारियल की खेती कराना है.
जिले में पहली बार नारियल की खेती को बढ़ावा देने के लिए नारियल विकास योजना के अंतर्गत काम हो रहा है और इस योजना की तैयारी भी की जा रही है. इन जिलों में 45 हेक्टेयर में आम और केला की खेती करने का लक्ष्य रखा गया है.
नारियल विकास योजना के तहत उद्यान विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष में जिले में आठ सौ नारियल के पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है.
सहायक निदेशक उद्यान नीरज कुमार झा ने बताया कि जिले में नारियल के पौधों को किसानों को subsidized rate पर दिया जाएगा. ये पौधे उन किसानों को मिलेंगे जो अपने घर के आस-पास या अपनी जमीन में कम से कम पांच पौधे लगाना चाहते हैं.
साथ ही बता दें कि जो किसान अपने खेतों में नारियल की खेती करना चाहते हैं, उन्हें योजना का लाभ लेने के लिए पिछले दो साल का land rent receipt लानी होगी.
एक पौधे की कीमत लगभग 85 रुपये रखी गई है, जिसमें किसानों को 75 प्रतिशत (लगभग 63.35 रुपये) का अनुदान मिलेगा.
मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना के तहत क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में 25 हेक्टेयर में आम और 20 हेक्टेयर में केले की खेती करने का लक्ष्य रखा गया है.
आम की खेती करने में एक यूनिट का खर्च 60 हजार रुपया निर्धारित किया गया है. इसमें किसान को 75 फीसदी का अनुदान मिलेगा.
आम की खेती करने वाले किसानों को पहली किस्त में 33,750 रुपये और दूसरी किस्त में 11,250 रुपये दिए जाएंगे.
एक हेक्टेयर में किसानों को लगाने के लिए 1500 पौधे दिए जाएंगे, जबकि प्रति एकड़ की दर से 800 पौधा किसानों को दिए जाएंगे.