आतंकियों के लिए क्यों 'स्वर्ग' से कम नहीं है 'हरामी नाला', पाकिस्तान उठाता है पूरा फायदा
Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Aug 14, 2023
सीमा पर तैनात जवान
देश की सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 24 घंटे जवान तैनात रहते हैं.
सुरक्षा करना मुश्किल
लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच कुछ ऐसी भी सीमाएं भी है, जिसकी सुरक्षा करना बहुत मुश्किल है.
संवेदनशील सीमा
एक ऐसी ही संवेदनशील सीमा गुजरात के कच्छ में भी स्थित है, जिसे हरामी नाला कहा जाता है.
समुद्री चैनल
हालांकि, यह कोई नाला नहीं है बल्कि 22 किलोमीटर में फैली एक समुद्री चैनल है जो भारत और पाकिस्तान की सीमा को बांटता है.
दलदल और खारा पानी
कच्छ की रेत और मिट्टी के कारण इसके एक बड़े हिस्से में दलदल, तो एक हिस्से में अरब सागर का खारा पानी है.
निगरानी रख पाना मुश्किल
दलदली जमीन पर कोई निर्माण भी संभव नहीं है, ऐसे में जवानों के लिए दुश्मन की हर हरकत पर निगरानी रख पाना सबसे बड़ी चुनौती है.
घुसपैठ
पहले आतंकी इसी का फायदा उठाकर घुसपैठ करते थे, लेकिन अब बीएसएफ की चौकसी उनके नापाक मंसूबों को ध्वस्त कर देती है.
भौगोलिक परिवर्तन
समुद्री ज्वार के कारण यहां का मौसम ही नहीं बल्कि भौगोलिक स्थिति भी पल-पल में बदलती रहती है, इसलिए इसे हरामी नाला कहा जाता है.
निगरानी करने में समस्या
ज्वार-भाटा की स्थिति में जब पानी नीचे उतरता है तो कई बार निगरानी कर रहे जवानों की बोट दलदल में फंस जाती है, जिसे निकालने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है.
बीएसएफ के लिए मुसीबत
इतना ही नहीं यहां का टेम्प्रेचर, तेज हवा, छोटे-छोटे केकड़े, उड़ने वाले कीट और दलदल में मौजूद शंख भी बीएसएफ की मुसीबत बढ़ा देते हैं.