लिट्टी-चोखा

बिहार का मशहूर व्यंजन लिट्टी-चोखा न सिर्फ बिहार में बल्कि देश में बड़े चाव से खाया जाता है.

Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Jul 03, 2023

बिहार का मशहूर व्यंजन

गेहूं के आटे और सत्तू से बनी इस लिट्टी को देसी घी में डुबोकर बैगन के चोखा के साथ सर्व किया जाता है.

लाजवाब स्वाद

यह न सिर्फ स्वाद में लाजवाब होता है बल्कि सेहत के लिए फायदेमंद भी माना जाता है.

मगध साम्राज्य

लिट्टी-चोखा का प्रचलन मगध साम्राज्य से शुरू हुआ था, जिसकी राजधानी पाटलिपुत्र को अब पटना के नाम से जाना जाता है.

युद्ध के दौरान

कहा जाता है कि चंद्रगुप्त मौर्य के सैनिक युद्ध में अपने साथ लिट्टी-चोखा लेकर जाते थे.

मुसाफिरों का भोजन

कई किताबों के अनुसार, 18वीं शताब्दी में मुसाफिर लंबी दूरी तय करते समय लिट्टी-चोखा लेकर जाया करते थे.

किसानों का भोजन

वहीं, यह भी कहा जाता है कि बिहार में पहले लिट्टी-चोखा को किसान लोग ही खाया और बनाया करते थे.

लिट्टी-चोखा का लाभ

इसका सबसे बड़ा कारण यह है की लिट्टी-चोखा जल्दी खराब नहीं होता और यह सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद है.

मुगल काल

मुगल काल में लोग लिट्टी-चोखा को मांसाहारी पाया के साथ खाते थे, जिससे इसका प्रचलन काफी बढ़ गया.

अंग्रेजों के समय

इसके बाद, अंग्रेजों के जमाने में इसे करी के साथ खाया और बनाया जाने लगा.

फूड फॉर सर्वाइवल

कई इतिहासकारों के अनुसार 1857 के विद्रोह में सैनिक अपने सर्वाइवल के लिए लिट्टी-चोखा खाया था.

तात्या टोपे और रानी लक्ष्मी

इसके अलावा, तात्या टोपे और रानी लक्ष्मी बाई ने भी इसे अपनी सेना को खाने के तौर पर दिया था.

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