Maithil Brahmin: कितने प्रकार के होते हैं मैथिल ब्राह्मण?

Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Sep 05, 2024

प्राचीन मिथिला

बिहार के प्राचीन मिथिला राज्य से नाता रखने वाले ब्राह्मणों को ही मैथिल ब्राह्मण कहा जाता है.

रूढ़िवादिता

मैथिल ब्राह्मण अपनी रूढ़िवादिता और सीखने की रुचि के लिए जाने जाते हैं.

मिश्र या झा

इनके नाम के बाद आमतौर पर मिश्र या झा आदि नाम लगा होता है.

वाचस्पति मिश्र

वाचस्पति मिश्र (9वीं शताब्दी) जैसे कई महान विद्वान इसी जाति के रहे हैं.

वैदिक संहिता

वैदिक संहिता के मुताबिक, मैथिल ब्राह्मणों को छान्दोग्य (सामवेद) और बाजसनेयी (यजुर्वेद) में बांटा गया है.

चार मुख्य श्रेणी

मैथिल ब्राह्मणों को चार मुख्य श्रेणियों में बांटा गया है. श्रोत्रिय, योग्य, पंजा और जयवार.

क्षेत्रीय प्रभाग

ब्राह्मणों को 10 मुख्य क्षेत्रीय प्रभागों में बांटा गया है. इनमें से पांच उत्तर से जुड़े हैं, तो वहीं, पांच दक्षिण से जुड़े हैं.

ब्राह्मण

उत्तर से सरस्वती, गौड़, कन्नौज, मैथिल और उत्कल ब्राह्मण शामिल हैं. तो दक्षिण से महाराष्ट्र, आंध्र, द्रविड़, कर्नाटक और मालाबार ब्राह्मण शामिल हैं.

पंच-गौड़ा ब्राह्मण

मैथिल ब्राह्मण पंच-गौड़ा ब्राह्मण समुदायों में से एक हैं. जो मूल रूप से बिहार के जिला दरभंगा, भागलपुर, समस्तीपुर, मधुबनी, तिरहुत, कोसी, पूर्णिया, मुंगेर आदि जगहों पर हैं.

मां दुर्गा

आपको बता दें कि मैथिल ब्राह्मणों की इष्ट मां दुर्गा हैं.

डिस्क्लेमर

यहां प्रस्तुत की गई जानकारी सामान्य है. Zee न्युज इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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