दुनिया भर में कितने तरीकों से अंतिम संस्कार किए जाते हैं
Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Dec 24, 2024
हिंदू धर्म (जलती चिता)
हिंदू धर्म में मृतक के शरीर को जलाने की परंपरा है. खासकर गंगा नदी के किनारे शव को जलाया जाता है. यह जलती चिता आत्मा की मुक्ति और पापों के नाश का प्रतीक मानी जाती है.
ईसाई धर्म (दफनाना)
ईसाई धर्म में शव को चर्च में रखा जाता है और फिर दफनाया जाता है. इसमें मृत्यु के बाद पुनः जीवन के विश्वास का प्रतीक होता है. परिवार और मित्र अंतिम संस्कार के समय प्रार्थना करते हैं.
इस्लाम (दफनाना)
इस्लाम में मृतक को जल्दी दफनाया जाता है. शव को सफेद कपड़ों में लपेट कर विशेष तरीके से दफनाया जाता है. इस प्रक्रिया में परिजनों द्वारा मृतक के लिए दुआ की जाती है.
बौद्ध धर्म (अस्थि विसर्जन)
बौद्ध धर्म में शव को जलाया जाता है और उसके बाद अस्थियों को नदी में विसर्जित किया जाता है. यह प्रक्रिया आत्मा की शांति के लिए होती है और ध्यान केंद्रित करने के लिए की जाती है.
जैन धर्म (दफनाना)
जैन धर्म में शव को दफनाने की परंपरा है, खासकर जब जैन संत का निधन होता है. यह प्रकिया मृतक के आंतरिक शांति और आत्मा की मुक्ति के लिए की जाती है.
टिबेटियन (हवाओं में विसर्जन)
तिब्बत में मृतक के शरीर को खुले में रखा जाता है, जहां पक्षी उसे खाते हैं. यह तरीका प्रकृति और जीवन के चक्र को सम्मान देने का प्रतीक है.
पारसी धर्म (टॉवर ऑफ साइलेंस)
पारसी समुदाय में शव को 'टॉवर ऑफ साइलेंस' में रखा जाता है, जहां शव को पक्षियों द्वारा खाया जाता है. यह प्रकिया मृतक की आत्मा की शांति और मुक्ति का प्रतीक है.
अफ्रीकी जनजातियां (नृत्य और दफनाना)
अफ्रीका के कई हिस्सों में मृतक के शव को दफनाने के साथ नृत्य और संगीत का आयोजन किया जाता है. यह मृतक के जीवन का उत्सव और श्रद्धांजलि का तरीका है.
कम्पोस्टिंग (प्राकृतिक विधि)
वर्तमान समय में, कुछ लोग शव को प्राकृतिक विधियों से नष्ट करने के तरीके अपना रहे हैं, जैसे कम्पोस्टिंग. इस प्रक्रिया में शव को नष्ट करके भूमि में मिलाया जाता है, जिससे यह पर्यावरण के लिए फायदेमंद हो जाता है.
जल समाधि (समुद्र में विसर्जन)
कुछ हिंदू समाजों में शव को समुद्र में विसर्जित करने की परंपरा होती है. इस प्रक्रिया में शव को जल समाधि दी जाती है, जो विशेष रूप से समुद्र के पास होने वाले संस्कारों में की जाती है.